भोपाल। प्रदेश में भू-माफियाओं के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम जारी रहेगी। इस बीच मिल रहे समाचारों में यह बात सामने आई है कि सहकारिता से जुड़े कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार की गंगा बहाने में जुट गए हैं। ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों को चिन्हित किया जा रहा है और इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। बुधवार को ही एक बड़े अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की गई है। प्रदेशभर के अफसर-कर्मचारी इस बात को ध्यान में रखें कि मैं न भ्रष्टाचार करता हूं और न भ्रष्ट आचरण वालों को पसंद करता हूं।
सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने बुधवार को सहकारिता से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि जो लोग गलत हैं, उन्हें छोड़ा न जाए लेकिन गलत लोगों के इशारे पर बेकुसूर लोगों को निशाना न बनाया जाए। इंदौर के एक आला अफसर के बारे में प्रचलित उन खबरों के बारे में पूछे जाने पर, जिसमें यह कहा जा रहा है कि उक्त अधिकारी मंत्री का नाम लेकर बेकुसूर लोगों पर दबाव बनाकर अवैध वसूली कर रहा है, डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि मैंने अपना पूरा राजनीतिक जीवन ईमानदारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लडऩे में गुजारा है। ऐसे में कोई अधिकारी मेरे नाम से किसी भी व्यक्ति को धमका रहा है तो ऐसे शख्स को सीधे मुझे शिकायत करना चाहिए। डॉ. गोविंद ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट लोगों की करतूतों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ किसी द्व्रेष या झूठी शिकायत के आधार पर कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी। सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेशभर के हजारों ऐसे लोग, जिन्हें जमीन के टुकड़ों के नाम पर छला गया है और जिनके आशियानों के सपनों को लालच के अलाव में आग लगा दी गई है, ऐसे नीयतखोरों के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी। सहकारिता विभाग ऐसे भू-माफियाओं को तलाश कर रहा है और मिलने वाली हर शिकायत पर गंभीर जांच करने के बाद ही कार्यवाही को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति को किसी अफसर या कर्मचारी की झूठे धमकियों से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है, कार्यवाही महज उन लोगों के खिलाफ ही की जाएगी, जिन्होंने मासूम लोगों के साथ ज्यादती की है।
सहेजा जाएगा इकबाल की यादों को
जिला प्रभारी डॉ. गोविंद सिंह ने भोपाल से अल्लामा इकबाल के ताल्लुक और यादों को जुड़े होने पर फख्र जाहिर करते हुए कहा कि उनकी यादों से जुड़ी विरासतों को सहेजा जाएगा। इसके लिए जिला योजना समिति की बैठक में प्रस्ताव लाकर बेहतर योजना तैयार की जाएगी। मंत्री की जानकारी में यह बात लाई गई थी कि अल्लामा इकबाल का भोपाल से गहरा नाता रहा है और उनके सफर के दौरान उन्होंने शहर की कई इमारतों में कयाम किया है। इनमें से कुछ इमारतें अब भी सरकारी आधिपत्य में हैं। शीश महल, राहत मंजिला समेत कई इमारतों का जिक्र करते हुए डॉ. गोविंद ने कहा कि इनमें से किसी इमारत को याद-ए-इकबाल के नाम पर सहेजा जाएगा और इसको विकसित किया जाएगा।