भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कमलनाथ सरकार(Kamalnath Government) को गिराने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने उप चुनाव (By Election) में अपनी ताकत का अहसास कराकर उन लोगों का मुँह बंद कर दिया जो कहते थे कि भाजपा (BJP) में जाकर सिंधिया खत्म हो जायेंगे। उप चुनावों के परिणाम ने ना सिर्फ शिवराज सरकार (Shivraj Government) को स्थायित्व दिया बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी कद बढ़ाया। उनकी इस सफलता के बाद माना जा रहा है कि उनका बहुप्रतिक्षित इंतजार खत्म होने वाला है। सूत्रों की माने तो जल्दी ही होने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार (UnionCabinet Extension) में सिंधिया को जगह मिलना तय है।
केवल 22 सदस्यों के साथ सरकार चला रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister narendra Modi) जल्दी ही अपनी कैबिनेट का विस्तार करने वाले हैं। सूत्रों की माने तो मंतिमंडल विस्तार की तैयारियां पूरी हो गई हैं। प्रधानमंत्री कभी भी विस्तार की घोषणा कर सकते हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)में पिछले दिनों हुए राजनैतिक घटनाक्रम, फिर राजस्थान (Rajasthan) में हुई राजनैतिक उठापटक, बिहार (Bihar) चुनाव फिर 11 राज्यों में उपचुनाव 9By Election) ऐसे कई कारण रहे जिसके कारण प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाए। इससे भी बड़ी वजह रही कोरोना संक्रमण जिसने पूरे देश को हिला दिया। लेकिन अब राजनैतिक उथल पुथल शांत हो गई है कोरोना का संक्रमण भी नियंत्रण में दिखाई दे रहा है तो माना जा रहा है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्दी ही मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे।
किसी मंत्री पर चार तो कोई तीन तीन विभाग संभाल रहा
मोदी मंत्रिमंडल में अभी मात्र 22 मंत्री है। वजह ये है कि कुछ सदस्यों ने मतभेद के चलते अपनी पार्टी के निर्देश पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, इनमें अकाली दल बादल की हरसिमरत कौर (Harsimrat kaur), शिवसेना के अरविंद सावंत (Arvind savant)शामिल हैं जबकि लोजपा के अध्यक्ष रामविलास पासवान (Rm vilas Paswan) के निधन के कारण भी सीट खाली हुई है। सीट खाली होने का असर ये है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) चार मंत्रालय, पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और प्रकाश जावडेकर (Prakash Javdekar) तीन तीन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। कुछ और मंत्री भी हैं जो ओवर लोड है। इसीलिए माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नये सदस्यों को शामिल कर मंत्रियों का लोड कम कर सकते हैं।
कुछ मंत्रियों को दिखाया जा सकता है बाहर का रास्ता
सूत्रों की माने तो ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कुछ नये चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किये जा सकते हैं जबकि कुछ मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। पीएम ने पिछले दिनों मंत्रियों से उनके कामकाज के प्रजेंटेशन लिया था उस आधार पर जिस मंत्री पा परफॉर्मेंस पीएम के हिसाब से अप टू द मार्क नहीं होगा उसे बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
इस वजह से शामिल किये जायेंगे सिंधिया
मंत्रिमंडल में किस किस को जगह मिलेगी अभी ये नाम तय नहीं है लेकिन एक नाम तय माना जा रहा है वो है ज्योतिरादित्य सिंधिया का। इसके पीछे दो खास वजह है एक वजह मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराते समय किये गए कमिटमेंट जिसमें सिंधिया को राज्यसभा भेजना और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना था जिसमें से एक पूरा हो चुका है और अब दूसरे की बारी है हालांकि सिंधिया ने हमेशा किसी भी तरह की डील से इंकार किया। इसके अलावा सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की वजह बनेगी उप चुनावों में भाजपा की जीत। जिसमें सिंधिया की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। 19 सीटों की इस जीत के साथ जहाँ शिवराज सरकार को स्थायित्व मिला वहीं सिंधिया का कद भी बढ़ा। इसलिए माना जा रहा है इनाम के तौर पर उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जाए। बहरहाल अब देखना ये है कि किस सांसद की लॉटरी लगती है और किस मंत्री को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।