खुलासा: मां ने ही की थी बेटी की हत्या, तालाब में तैरता मिला था मासूम का शव

Gaurav Sharma
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। राजधानी भोपाल में बीते शुक्रवार को एक बच्ची के शव मिलने के मामले का आज पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पुलिस ने बताया कि एक मां ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर एक साल की बच्ची को बड़े तलाब में फेंक दिया है। पूरा मामला भोपाल के तैलया इलाके की है। तैलया थाना पुलिस ने बीते शुक्रवार 18 सितंबर को शीतल दास की बगिया के पास से 1 साल की बच्ची के शव को बरामद किया था। वहीं बच्ची की पहचान के लिए पुलिस ने उसके फोटो के पोस्टर जगह-जगह चस्पा किए और आसपास के थानों को भेज दिए थे.

वहीं पुलिस को रायसेन जिले के ओबैदुल्लागंज से पता चला था कि 3 दिन पहले से एक महिला और उसकी बच्ची रेलवे कॉलोनी से लापता है।, जिसकी रिपोर्ट महिला के पति जितेंद्र चौरसिया ने दर्ज कराई थी। इसी के आधार पर पुलिस ने बच्ची की पहचान करने के लिए जितेंद्र चौरसिया और उसके परिजनों को भोपाल बुलाया गया। जिसके बाद उन्होंने बच्ची के हुलिए और भेषभूषा से बच्ची की पहचान कर ली।

ये भी पढ़े :- बड़े तालाब में तैरता हुआ मिला बच्ची का शव, पुलिस जांच में जुटी

बच्ची के परिजनों ने बताया कि उसकी मां सोनम रायसेन कोतवाली स्थित अपने मायके गई थी, लेकिन इसके बाद वहां से भी वो बच्ची को लेकर रवाना हो गई। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि आरोपी सोनम अपनी बच्ची को लेकर भोपाल आई थी और उसके साथ उसका प्रेमी भी था। उन्होंने मिलकर बच्चे को बड़े तालाब में फेंका। हालांकि बच्ची की आरोपियों ने पहले हत्या की थी या फिर जिंदा उसे बड़े तालाब में फेंका, इस बात का खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश कर रही है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News