MP कैडर के IPS…ALL ARE WELL

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  मध्य प्रदेश के आईपीएस अधिकारी बेहतरीन तरीके से अपने पद का निर्वहन कर रहे है और इनमें से किसी भी आईपीएस अधिकारी को अनिवार्य सेवा निवृति देने की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है, दरअसल मध्य प्रदेश कैडर (MP Cadre) के डेढ़ सौ से अधिक IPS अफसरों का आकलन छानबीन समिति द्वारा शुक्रवार को मंत्रालय में किया गया। जिसमें 15 और 25/50 की समीक्षा समिति की मुख्य सचिव की अध्यक्षता मे हुई बैठक में मध्य प्रदेश के 127 IPS क़े सेवा रिकार्ड की जाँच में समिति ने मध्य प्रदेश के किसी भी IPS अधिकारी का नाम अनिवार्य सेवा निवृति के लिए भारत सरकार को अनुशंसित होने लायक़ नहीं पाया गया।

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डीओपीटी ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि 25 साल की सेवा पूरी करने या 50 साल की आयु पूरी करने वाले अयोग्य अफसरों की ट्रैक रिकॉर्ड की जांच की जाए और इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द केंद्र सरकार को भेजी जाए। इसमें वैसे अफसरों को भी शामिल किया गया है। जिनके लापरवाह व्यवहार की वजह से उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी गई हुई है। पिछले 5 सालों में उन्हें कोई पदोन्नति ना मिली हो। केंद्र सरकार के नए नियम के तहत ऐसे अफसरों को 3 महीने के नोटिस के साथ-साथ 3 महीने का वेतन देकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। ट्रैक रिकार्ड की जांच के लिए समिति में डीजीपी विवेक जौहरी के अलावा अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव महिला बाल विकास अशोक शाह और छत्तीसगढ़ के डीजी प्रबंध आरके विज सदस्य के रूप में नियुक्त किए गए थे। गठित समिति इस आदेश के बाद अफसरों के ट्रैक रिकॉर्ड की जांच में जुट गई थी। वही समिति द्वारा वैसे अफसरों की जांच भी की गई। जिन्होंने सेवा में रहते हुए अपने 15 साल पूरे कर लिए हैं या फिर उनकी उम्र 50 साल से ऊपर हो चुकी है।

 


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Harpreet Kaur

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