सावधान, अब सिर्फ आदेश नहीं बल्कि पालन भी होगा क्योंकि अब ‘मोहन’ राज है

Shashank Baranwal
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Mohan yadav

CM Mohan Yadav Cabinet: मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पदभार संभालने के साथ ही काम शुरू कर दिया है। शपथ ग्रहण के चंद घंटे बाद बुलाई कैबिनेट की बैठक में उन्होंने कुछ ऐसे निर्णय लिए हैं जिनका जनता के ऊपर अच्छा खासा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अपने कुछ निर्णय में मोहन यादव ने अपनी दूरदृष्टि का परिचय भी दिया है।

ध्वनि प्रदूषण, जमीन, किसान और अपराधियों को लेकर लिए यह फैसले

दो दिन पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के ऐलान के साथ ही राजनीतिक हलकों में जो आश्चर्य देखा गया, ऐसा शायद कभी नहीं हुआ। उज्जैन दक्षिण से तीसरी बार के विधायक मोहन यादव का नाम अचानक मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित हुआ और इसी के साथ मध्य प्रदेश में लंबे समय से चल रहे शिवराज युग का अंत हो गया। मोहन यादव ने बुधवार को पदभार संभाला और पद संभालने के साथ ही उन्होंने चंद घंटे के भीतर ही कैबिनेट की बैठक बुला ली। कैबिनेट की बैठक में उन्होंने निर्णय लिया कि सभी धार्मिक स्थलों पर अब सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप निर्धारित डेसिबल मात्रा में ही ध्वनि यंत्रों का प्रयोग हो सकेगा। अक्सर धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज़ से बजने वाले ध्वनि यंत्र लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते हैं। अब मोहन यादव के इस निर्णय से जनता को काफी राहत मिलेगी। जमीनों से जुड़े विवादों को जड़ से नष्ट करने के लिए मोहन यादव ने एक बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि अब किसी भी जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही उसके नामांतरण की प्रक्रिया संपन्न की जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जमीनों में होने वाले फर्ज़ीवाड़ों को रोका जा सकेगा और भू माफियाओं पर भी अंकुश लगेगा। किसानों के हित में मोहन यादव ने एक बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने हर तहसील में साइबर तहसील स्थापित करने की घोषणा की जिसके चलते किसानों को अब अपने खसरा खतौनी के लिए कार्यालय के चक्कर काटने से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही हर कार्य की समय सीमा निर्धारित कर वो काम तय समय में पूरे करने के निर्देश भी दिए गए।अपराधों पर लगाम लगाने के लिए उन्होंने आदतन अपराधियों की जमानत निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं।

अवैध मीट बिक्री और छात्रों के लिए भी किए महत्वपूर्ण निर्णय

इसके साथ ही मोहन यादव ने खुले में बिकने वाले मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बारे में भी दिशानिर्देश जारी करने के लिए कहा। छात्रों की सुविधाओं के लिए उन्होंने एक बड़ा निर्णय लिया और कहा कि किसी भी तरह की डिग्री प्राप्त करने के लिए अब छात्रों को कॉलेज या यूनिवर्सिटी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे बल्कि उन्हें डीजी लॉकर के माध्यम से यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही प्रदेश में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के लिए हर कॉलेज के भीतर एक प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने की घोषणा भी मोहन यादव ने की। तेंदूपत्ता संग्रह को भी निर्धारित दर से ज्यादा मानदेय दिए जाने की घोषणा मोहन यादव ने की जोकि बीजेपी के घोषणा पत्र में भी शामिल थी।

जो मैं बोलूंगा उसपर अमल होगा

इन सबके बीच सबसे सुखद बात यह रही कि मोहन यादव जो जो बातें बोलते गए उसके आदेश लगातार निकलते गए और यह खबर लिखे जाने तक निकल रहे हैं। यानी कि मोहन यादव ने यह साफ संकेत दे दिया है कि अब कोरी लफ्फाजी नहीं होगी बल्कि वह यानी सीएम जो बोलेंगे, उसपर अमल होगा। निश्चित रूप से अब हवाहवाई घोषणाओं पर अंकुश लग सकेगा, मोहन यादव की कार्यशैली के प्रारंभिक चरणों से यह साफ लगता है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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