इंदौर।
कोरोना वायरस के कारण स्कूल, कॉलेज समेत सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, लेकिन इस दौरान भी अभिभावकों से फीस की मांग की जा रही है। जिसके बाद सरकार के आदेश पर प्रदेश के निजी स्कूल लॉकडाउन अवधि के दौरान केवल ट्यूशन फीस ले सकते हैं। इसी बीच अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश में साफ कर दिया कि निजी स्कूल छात्रों से सरकार के आदेशानुसार सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के अधिकारी हैं। स्कूल इसके अलावा मनमाने तरीके से अन्य मद में फीस वसूली नहीं कर सकते। वहीँ कोर्ट ने इस मामले में राज्य शासन, स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी कर 28 जुलाई तक जवाब-तलब किया है।
दरअसल हाई कोर्ट ने इस सख्त अंतरिम आदेश के साथ ही राज्य शासन, स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी कर 28 जुलाई तक जवाब माँगा है। गुरुवार को न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। जहाँ याचिकाकर्ता ने दलील दी कि मध्य प्रदेश के कई निजी स्कूल विद्यार्थियों-अभिभावकों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं।बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारन पिछले तीन महीने से स्कूल बंद है। इसके बावजूद भोपाल का भदभदा रोड स्थित बिलाबोंग इंटरनेशनल हाई स्कूल छात्रों से ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर ट्यूशन फीस के अलावा बिल्डिंग, एक्टिविटी सहित अन्य कई मदों में फीस वसूल कर रहा है। जबकि शिवराज सरकार ने साफ़ कहा है कि निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस वसूल सकते हैं।
अधिवक्ता अजय गुप्ता ने दलील दी कि सरकार के आदेश-निर्देश का सरासर उल्लंघन कर निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं। जबकि कोरोना संकट के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति डगमगा गयी है। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हम निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने की अनुमति देते हैं। ताकि स्कूल बिना किसी वित्तीय समस्या के चलाए जा सकें। लेकिन कोई भी निजी स्कूल लाइब्रेरी, बस, स्पोर्ट्स समेत किसी भी प्रकार की फीस नहीं वसूल सकते हैं।