MP : शिवराज सरकार की नई तैयारी, पुराने प्रोजेक्ट को नए सिरे से किया जाएगा तैयार, 4 जिलों को मिलेगा लाभ

Kashish Trivedi
Published on -

MP Development Work, MP News : प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा बड़ी तैयारी की जा रही है। मध्य प्रदेश के 4 जिलों को इसका लाभ मिलेगा। दरअसल इसके लिए पिछली सरकार द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया था। हालांकि सत्ता परिवर्तन के बाद प्रोजेक्ट फाइल को बंद कर दिया गया था। जिसे अब नए सिरे से शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

4 जिलों में जंगलों को अभयारण्य घोषित करने की तैयारी

मध्य प्रदेश के 4 जिलों में जंगलों को अभयारण्य घोषित करने की तैयारी शुरू की गई है। हरदा, बुरहानपुर के अलावा धार और नरसिंहपुर जिले को यह सौगात मिलने वाली है। इसके लिए नए अभयारण्य का मसौदा नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। दरअसल कांग्रेस शासनकाल के दौरान प्रदेश में 11 नए अभयारण्य बनाने के प्रस्ताव तैयार किए गए थे। हालांकि सत्ता परिवर्तन के बाद प्रोजेक्ट की फाइल को बंद कर दिया गया था। वहीं अब वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बाघ तेंदुआ समेत अन्य वन्य प्राणियों की बढ़ती संख्या के संरक्षण के लिए नए अभयारण्य मसौदा तैयार किए जा रहे हैं।

वन क्षेत्रों में मौजूद वन्य प्राणियों के पुरे खाके तैयार

इसके लिए पहले सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी। वनों की स्थिति सहित वन क्षेत्रों में मौजूद वन्य प्राणियों के पुरे खाके तैयार किए जाएंगे। 4 साल पहले भी इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया गया था। प्रस्ताव में प्रस्तावित अभयारण्यों का खाका भी तैयार किया गया था। रिपोर्ट समेत अन्य प्रकृति में तैयार करने में कुल 2 करोड़ 23 लाख रुपए का खर्चा देखा गया था।

फिलहाल 14.73 हजार किलोमीटर का रकबा संरक्षित क्षेत्रों में रखा गया 

बता दें कि मध्यप्रदेश में बाघ, तेंदुए और अन्य वन्य प्राणी की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 15 सालों से रातापानी भोपाल की ओर से मूवमेंट होना भी एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। अधिकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में फिलहाल 14.73 हजार किलोमीटर का रकबा संरक्षित क्षेत्रों में रखा गया है।नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व अभ्यारण समिति घोषित संरक्षित वन को शामिल किया गया है। प्रदेश के में संरक्षित जंगलों का कुल क्षेत्रफल 18000 के पार होने का अनुमान लगाया गया है।

वाइल्डलाइफ कॉरिडोर कनेक्टिविटी की तर्ज पर विकसित करने का प्लान तैयार 

प्रोजेक्ट को वाइल्डलाइफ कॉरिडोर कनेक्टिविटी की तर्ज पर विकसित करने का प्लान तैयार किया गया है। यह भी दावा किया जा रहा है कि ऐसे प्रोजेक्ट की प्लानिंग की जा रही है, जो दो या दो से अधिक नजदीकी अभयारण्य को कॉरिडोर के रूप में वाइल्डलाइफ कनेक्टिविटी से बढ़ा सके। पुराने प्रस्ताव के मुताबिक प्रारंभिक रिपोर्ट में नए 4 अभयारण्य के बाद 4000 वर्ग किलोमीटर का अतिरिक्त वन क्षेत्र संरक्षित किया जाएगा।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News