MP Dalhan Mandi Shulk : राज्य सरकार द्वारा बड़ी तैयारी की जा रही है। दरअसल दाल की बढ़ती कीमतों पर आमजन और व्यापारियों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए सरकार मंडी शुल्क हटाने का विचार कर रही है। इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।
प्रतिनिधि मंडल द्वारा सीएम से मुलाकात
दरअसल 3 साल के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार फिर से दाल बनाने के लिए राज्य के बाहर से मंगाए गए दलहन पर मंडी शुल्क नहीं लगाएगी। इसके लिए तैयारी कर ली गई है। मध्य प्रदेश में मंडी शुल्क 1.70% है। पड़ोसी राज्य गुजरात महाराष्ट्र, गोधरा जलगांव नागपुर हिम्मतनगर की दाल यहां बिक रही है। इस संबंध में 15 दिसंबर को ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा सीएम से मुलाकात की गई थी।
प्रतिनिधिमंडल द्वारा सीएम शिवराज से प्रतिनिधि मंडल द्वारा मंडी शुल्क कम करने की मांग की गई थी। मामले में प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि मंडी शुल्क के कारण मध्यप्रदेश की दाल महंगी हो गई है। जिससे इसकी बिक्री कम है। ऐसे में दाल मिलों का उत्पादन भी धीरे-धीरे कम हो रहा है।
प्रतिनिधि मंडल द्वारा कहा गया कि मध्यप्रदेश में गेहूं सोयाबीन और चना की पैदावार अधिक मात्रा में होती है, ऐसे में उड़द और मूंग मध्यप्रदेश राज्य के बाहर से मंगवाया जाता है। वही बाहर से दाल बनाने के लिए मंगाए जाने वाले दलहन तुअर, उड़द मूंग मसूर मंडी में 1 अगस्त 2018 से छूट प्राप्त थी।
एक-दो दिन में छूट की घोषणा संभव
हालांकि 1 जुलाई 2019 को समाप्त हो गई थी। जिसके बाद से मंडी शुल्क 1.70% हो गया था। अब एक बार फिर से मंडी शुल्क हटाने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जा सकता है। इसका फायदा यह होगा कि मध्यप्रदेश में एक तरफ जहां दाल सस्ती होगी। वहीं दूसरी तरफ दाल इंडस्ट्री के सामने उत्पन्न समस्या का भी समाधान किया जाएगा। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में छूट की घोषणा की जा सकती है।
प्रति ट्रक 10 लाख की कीमत पर मंडी शुल्क
बता दें कि गुजरात में प्रति ट्रक 10 लाख की कीमत पर मंडी शुल्क 0.50% है। ऐसे में कुल मंडी शुल्क ₹5000 का भुगतान किया जाए। महाराष्ट्र में 10 लाख की कीमत पर कुल मंडी शुल्क 0.80% है, ऐसे में कुल मंडी शुल्क ₹8000 होते हैं। जबकि मध्य प्रदेश में प्रति ट्रक 10 लाख की कीमत पर मंडी शुल्क 1.70% है। ऐसे में कुल मंडी शुल्क ₹17000 देना पड़ता है।