MP News : करीब 14 साल पहले 2009 में हुई पीएमटी परीक्षा मामले में वर्ष 2014 में तत्कालीन डीन डॉक्टर पुष्पा वर्मा को दो अज्ञात पत्र प्राप्त हुए, जिसमे लिखा था कि पुरुषोत्तम खोइया नामक छात्र है यह फर्जी तरीके से परीक्षा पास कर कॉलेज में प्रवेश लिया है।
यह है मामला
बता दें कि इस मामले में डीन पुष्पा वर्मा ने प्रोफेसर की एक टीम गठित की और उनके द्वारा स्कूटनी फॉर्म में चश्पा फोटो कॉलेज में खींचे गए फोटो और व्यापम से प्राप्त सीडी से फोटो का मिलान करने के बाद रिपोर्ट दी जिसमे छात्र के फोटो का मिलान नहीं हो रहा है ,जिससे यह छात्र संदिग्ध लगा, जांच में पुरुषोत्तम के स्थान पर जो छात्र परीक्षा देते हुए पाया गया था।
सौरभ चंद्र गुप्ता जो सफदरजंग अस्पताल में भी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था और वह बांदा जिला यूपी का निवासी है,उसको भी आरोपी बनाया और परीक्षा में पुरुषोत्तम के स्थान पर सौरभ चंद्र गुप्ता ने पीएमटी परीक्षा दी थी, सीबीआई ने इस मामले में 28 गवाह कराए और आज विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजय कुमार गुप्ता ने दोनों को दोषी पाते हुए अलग-अलग धारा में 5 वर्ष के कारावास ओर 14 हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया।