MP News : Eye Flu और Conjunctivitis से बचाव के लिए NHM ने जारी की एडवाइजरी, इस तरह रखें अपनी आंखों को सुरक्षित

Atul Saxena
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Eye Flu and Conjunctivitis in MP : आंखें हमारे शरीर का एक ऐसा महत्वपूर्ण अंग है जो ना केवल व्यक्ति की सुंदरता को बढ़ाता है बल्कि उसका व्यक्तित्व भी बताता है, आंखों से ही हमारे जीवन में रोशनी होती है इसलिए इंसान इसकी बहुत केयर करता है, लेकिन इन दिनों बहुत से लोग अपनी आंखों से ही परेशान है..आइये जानते हैं वो कैसे …

प्रदेश के अस्पतालों में नेत्र संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ी 

मध्य प्रदेश के अस्पतालों में इस समय आंखों के संक्रमण जैसे कंजेक्टीवाइटिस और आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है , सरकारी अस्पताल से लेकर प्राइवेट आई हॉस्पिटल्स में मरीज आंखों की समस्या लेकर पहुँच रहे हैं,  इसकी वजह ये है कि इस समय नेत्र संक्रमण, आई फ्लू तेजी से फैल रहा है।

NHM ने प्रदेश CMHO को दिए निर्देश, जारी की एडवाइजरी 

मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को निर्देश देते हुए जनता के लिए एडवाइजरी जारी की है , चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं नेत्र संक्रमण से बचाव करने के लिए आमजन में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए इसका प्रचार प्रसार किया जाये।

जिन्हें परेशानी है वो इन बातों का रखें ध्यान 

1- अपनी आंखों को छूने से पहले हाथ आवश्यक रूप से साफ़ पानी दे धोएं।

2- संक्रमित व्यक्ति अपना टॉवल, तकिया, रुमाल, आई ड्रॉप आदि घर के अन्य सदस्यों से दूर रखें।

3- स्विमिंग पूल, तालाब, पोखर आदि में नहाने से बचें।

4- कॉन्टेक्ट लेंस पहनना बंद करें, अपने नेत्र चिकित्सक की सलाह पर ही इसे फिर प्रयोग करें।

5- आंखों के सौन्दर्य प्रसाधनों यानि आई ब्यूटी प्रोडक्ट का प्रयोग करने से बचें।

6- यदि आंखों के पास किसी भी तरह का स्राव होता है तो उसे गर्म पानी में भिगोये साफ़ गीले कपडे से साफ़ करें। कपड़े को फिर से प्रयोग करने से पहले गर्म पानी से धो लें।

7- यदि आंखों में लालिमा हो यानि आंखें लाल हो रही हों तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र अथवा नेत्र चिकित्सक को दिखाएँ, बिना उचित सलाह के कोई भी ड्रॉप आंख में नहीं डालें ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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