भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
सत्ता में दोबारा लौटने के बाद और उपचुनाव (By-Election) से पहले प्रदेश की शिवराज सरकार का किसान, कर्मचारी और महिलाओं के साथ साथ युवाओं के रोजगार पर भी विशेष फोकस है। सरकार की कोशिश है कि सरकारी नौकरियों (government jobs) में ज्यादा से ज्यादा मध्यप्रदेश (madhypradesh) के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए ताकी प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य ना भटकना पड़े। हाल ही में 15 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने भोपाल के लाल परेड ग्राउण्ड परिसर के मोतीलाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में इस बात के संकेत भी दिए थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जायेगी। जब नौकरियों के अवसरों का अभाव है, ऐसे समय में राज्य के युवाओं की चिंता करना हमारा कर्तव्य है। प्रदेश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित किए जाएंगे। शासकीय भर्तियों के लिए अभियान तो चलाया ही जाएगा, साथ ही निजी क्षेत्रों में भी अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। विद्यार्थियों को उनकी 10वीं एवं 12वीं की अंकसूची के आधार पर ही नियोजित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं के कौशल विकास के लिये काम कर रही है. भोपाल में सिंगापुर की सहायता से लगभग 600 करोड़ रुपये की लागत से एक कौशल विकास केन्द्र बनाया जा रहा है। स्टार्टअप चालू करने के लिए अलग फंड बनाया जाएगा, इक्यूवेशन सेंटर्स की स्थापना की जाएगी। सरकार प्रदेश के नागरिकों के लिये ‘सिंगल सिटीजन डाटाबेस’ तैयार कर रही है, ताकि प्रदेश के लोगों को हर योजना के लिये अलग-अलग पंजीयन नहीं कराना पड़े।
इतना ही नही सीएम ने यह भी कहा है कि मध्यप्रदेश में नागरिकों का ‘सिंगल सिटीजन डेटाबेस’ तैयार किया जायेगा। इसके बन जाने से नागरिकों को अलग-अलग योजनाओं अथवा कार्यों के लिए बार-बार जानकारी देने अथवा पृथक-पृथक पोर्टल पर पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। रेडीमेड गारमेंट क्षेत्र के उद्योगों में बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होता है। प्रदेश में रेडीमेड गारमेंट क्षेत्र में पूँजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये उद्योग संवर्धन नीति में बदलाव किया गया है। अब यंत्र, संयंत्र एवं भवन में 25 करोड़ से अधिक पूँजी निवेश करने वाली गारमेंट निर्माण इकाइयों को भी मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई माना जाएगा।
रोजगार को लेकर सरकार की तैयारी
शिवराज ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न श्रम कानूनों में उल्लेखनीय बदलाव कर उद्योगों और स्थापनाओं को लगाने की प्रक्रिया को सरल किया गया है, ताकि रोजगार के नये अवसर पैदा हो सकें।युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के लिये भोपाल में कौशल विकास परियोजना के अंतर्गत ग्लोबल स्किल्स पार्क और 10 संभागीय आईटीआई के उन्नयन एवं नव-निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
सरकार की इस पहल से मिला रोजगार
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए बड़ा रोजगार कार्यक्रम “श्रम सिद्धि अभियान’ प्रारंभ किया गया, जिसके अन्तर्गत लगभग 61 लाख श्रमिकों का नियोजन हुआ है। प्रवासी मजदूरों को उनके निवास स्थान के समीप रोजगार देने के उद्देश्य से घर-घर सर्वे कर 14 लाख से अधिक श्रमिकों के जॉब कार्ड बनाए गए। अब तक 2400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मजदूरी के रूप में श्रमिकों के खातों में अंतरित की जा चुकी है। मनरेगा अंतर्गत सरकार द्वारा अपने पूर्व निर्धारित लेबर बजट 20 करोड़ 50 लाख मानव दिवस में 66 प्रतिशत वृद्धि करते हुए 34 करोड़ से अधिक मानव दिवस अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया। कुशल श्रमिकों और नियोक्ताओं को एक मंच पर लाकर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिये रोजगार सेतु पोर्टल प्रारंभ किया गया। पोर्टल के माध्यम से अब तक लगभग 39 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके कौशल के अनुरूप रोजगार प्राप्त हुआ है।