भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों (MP universities) को आज मंगलवार को राजभवन से महत्वपूर्ण निर्देश मिले हैं। राज्यपाल के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा ने राजभवन में कुलसचिवों की मासिक बैठक में शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय के अकादमिक कैलेण्डर में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित समस्त पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं और परिणामों की प्रस्तावित तिथि को उल्लेखित करना होगा। यह जानकारी स्पष्ट प्रारूप में विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित करनी होगी।
प्रमुख सचिव श्री आहूजा ने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लक्षित समूह की आगामी 45 दिवस में अनिवार्य रूप से सिकल सेल एनीमिया रोग की जाँच हो जाए। यह कार्य शासकीय चिकित्सालय के साथ समन्वय से किया जाए। लक्षित समूह के शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं की जाँच शिविर लगाकर सुनिश्चित करें।
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उन्होंने विश्वविद्यालयों से ग्राम गोद लिए जाने के संबंध में जानकारी प्राप्त की और निर्देश दिए कि चयनित 5 ग्राम अनिवार्यतः जनजाति बहुल विकासखंड के होने चाहिए। ग्राम चयन में विश्वविद्यालयों के मध्य ओवरलेपिंग नहीं हो। प्रमुख सचिव श्री आहूजा ने न्यायालयीन प्रकरणों, ऑडिट आपत्तियों, निर्माण कार्यों, प्लेसमेंट और विश्वविद्यालय की विशिष्ट उपलब्धियों की जानकारी प्राप्त की।
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बताया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रारंभ किए पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम सितंबर के द्वितीय पखवाड़े तक घोषित हो जायेंगे। इससे पूर्व अन्य समस्त पाठ्यक्रमों के परिणाम भी जारी कर दिए जायेंगे। दूरस्थ शिक्षा विश्वविद्यालय द्वारा इन परिणामों की घोषणा के बाद परीक्षाएँ आयोजित किए जाने की जानकारी दी गई।
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राज्यपाल के उपसचिव डीके जैन, विधि अधिकारी डीपीएस गौर के अलावा बैठक में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर, राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन, मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय भोपाल, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट, डॉ.बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू और पंडिट एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल के कुलसचिव मौजूद थे।