भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मानसून अब वापसी की ओर अग्रसर है, लेकिन इसके पहले पिछले कई दिनों से मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में मध्यम से भारी वर्षा की गतिविधियां जारी हैं, हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षा की गतिविधियों में कमी आई है। बीते चार-पांच दिनों से हुई बारिश ने फिजा में ठंडक घोल दी है, प्रदेश के लोगों को चिलचिलाती धूप और उमस से बडी राहत मिली है। वही सुबह के समय ठंड़ी हवाओं का असर देखने को मिल रहा है , जो आगामी ठंड के संकेत है। आज मौसम विभाग ने प्रदेश के दस संभागों के जिलों में कही कही गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग की माने तो अब पूरे सप्ताह मध्य प्रदेश को वर्षा से राहत रहेगी तथा मौसम लगभग शुष्क हो जाएगा। इस समय मध्य प्रदेश में अधिकांश फसलें कटाई के लिए तैयार हैं। अब भारी वर्षा फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। परंतु राहत की बात यह है कि अब मध्य प्रदेश में वर्षा में भारी कमी आने के साथ-साथ तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है। दक्षिण पश्चिमी जिलों में हल्की वर्षा जारी रह सकती है लेकिन भारी से अति भारी वर्षा की संभावना बहुत कम है।

इन जिलों में बारिश के आसार
विभाग की माने तो रीवा, जबलपुर, शहडोल, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, होशंगबाद,सागर, ग्वालियर और चंबल संभागों के जिलों में कही कही गरज चमक के साथ बारिश होने के आसार है। 27 सितंबर से 30 सितंबर के बीच धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, देवास तथा इंदौर आदि जिलों में छिटपुट वर्षा की गतिविधियां जारी रह सकती हैं। बाकी अधिकांश जिले लगभग एक ही बने रहने की संभावना है।
इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग की माने तो निम्न दबाव का क्षेत्र अब पूर्वी मध्य प्रदेश और इससे सटे भागों पर पहुँच गया है। इसके साथ-साथ आगे बढ़ रहा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र समुद्र तल से 5.8 किमी ऊंचाई पर है। मॉनसून की अक्षीय रेखा जैसलमेर, अजमेर, भीलवाड़ा, ग्वालियर, मध्य प्रदेश पर बने कम दबाव के क्षेत्र से होते हुए डाल्टनगंज, बांकुरा और बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर बनी हुई है।अगले 24 घंटों के दौरान बिहार, उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों, मध्य प्रदेश के उत्तरी और मध्य हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मुंबई समेत कोंकण गोवा में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।