“जो काम करेगा रहेगा” मप्र युवा कांग्रेस ने भंग की विधानसभा इकाईयां, नए सिरे से होंगी नियुक्तियां

युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने कहा कि हमने ये फैसला विचार विमर्श के बाद लिया है, अब नए सिरे से गठन होगा, उन्होंने कहा कि हमने पहले भी कहा था कि जो काम करेगा वही रहेगा जो काम नहीं करेगा संगठन को उसकी जरुरत नहीं हैं। 

MP Youth Congress: लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं, NDA की नेतृत्व वाली नई सरकार जल्दी ही गठित होगी , NDA ने नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना है यानि उनका प्रधानमंत्री बनना तय है, इस बीच मध्य प्रदेश में कांग्रेस का एक्शन शुरू हो गया है, प्रदेश की सभी 29 सीटें गंवाने वाली कांग्रेस ने युवा कांग्रेस की सभी विधानसभा इकाइयों को भंग कर दिया है, अब नए सिरे से नियुक्तियां होंगी।

कांग्रेस ने देश में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया उसे केवल 99 सीट मिलीं लेकिन ये उसके 2019 के प्रदर्शन के मुकाबले बेहतर है और इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस खुश है कि उसने मोदी की कांग्रेस विहीन देश की मुहिम को रोक दिया लेकिन इस मुहिम में कांग्रेस को मध्य प्रदेश का साथ नहीं मिला यहाँ की सभी 29 सीटें भाजपा ने जीत ली, पिछली बार की एक मात्र छिंदवाड़ा सीट भी कांग्रेस नहीं बचा सकी जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने इस गढ़ में सांसद बेटे नकुलनाथ के लिए पूरे समय मौजूद रहे वे प्रदेश में कहीं नहीं निकले।

युवा कांग्रेस ने भंग की सभी जिलों की विधानसभा इकाइयाँ 

अब इस करारी हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में चिंतन मंथन का दौर शुरू हो गया है, पार्टी की युवा इकाई एक्शन मोड में आ गई है, प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने वरिष्ठ नेतृत्व की अनुमति से प्रदेश के सभी जिलों में बनाये गए सभी विधानसभा अध्यक्ष और उनकी इकाइयों को भंग कर दिया है।

जो काम नहीं करेगा संगठन को उसकी जरुरत नहीं

युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने कहा कि हमने ये फैसला विचार विमर्श के बाद लिया है, अब नए सिरे से गठन होगा, उन्होंने कहा कि हमने पहले भी कहा था कि जो काम करेगा वही रहेगा जो काम नहीं करेगा संगठन को उसकी जरुरत नहीं हैं।

"जो काम करेगा रहेगा" मप्र युवा कांग्रेस ने भंग की विधानसभा इकाईयां, नए सिरे से होंगी नियुक्तियां

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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