मप्र के नए डीजीपी वीके सिंह ने संभाला पदभार, बोले-प्रोफेशनल तरीके से काम करेगी पुलिस

Published on -

भोपाल| 1984 बैच के आईपीएस विजय कुमार सिंह मप्र के नए डीजीपी बनाये गए हैं| मंगलवार को आदेश जारी होने के बाद आज सुबह वीके सिंह ने पदभार संभाला| उन्होंने ऋषि कुमार शुक्ला से पदभार लेते हुए जरुरी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये| इससे पहले वह प्रभारी पुलिस महानिदेशक के तौर पर प्रदेश की कानून व्यवस्था की कमान संभाल चुके हैं| शासन ने अब तक डीजीपी रहे ऋषिकुमार शुक्ला को चेयरमैन मप्र पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन की जिम्मेदारी दी है। ऋषि कुमार शुक्ला ने 1 जुलाई, 2016 को DGP के रूप में पदभार संभाला था। सुरेन्द्र सिंह के रिटायर होने के बाद उन्हें मध्य प्रदेश का DGP बनाया गया था। मीडिया से चर्चा में डीजीपी वीके सिंह ने कहा प्रदेश में अब प्रोफेशनल पुलिसिंग देखने को मिलेगी| महिलाओं, बच्चों और वृद्धजनों को सुरक्षित वातावरण दिया जाएगा| महिला अपराधों को लेकर प्रदेश बदनाम रहा है, जिसपर विशेष ध्यान दिया जायेगा| साइबर क्राइम रोकने को लेकर भी प्रदेश में बेहतर पुलिसिंग होगी।

आईपीएस विजय कुमार सिंह ने अपनी सेवा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्वालियर के तौर पर शुरू की थी। शिवपुरी में वे पहले जिले के कप्तान बनाए गए और इसके बाद दमोह, बस्तर, बैतूल और उज्जैन एसपी रहे। वे एआईजी ईओडब्ल्यू व प्रशासन भी रहे। डीआईजी के रूप में उन्होंने आईटीबीपी और खुफिया एजेंसी रॉ में काम किया। वे आईजी जबलपुर रहे तथा एडीजी एसएएफ और योजना व प्रबंध रहे। डीजी के रूप में उन्होंने जेल व होमगार्ड के रूप में भी काम किया। जेल ब्रेक के कुछ दिन पहले ही वे डीजी जेल से डीजी होमगार्ड बनाए गए थे। बीती 16 अक्टूबर को पूर्व डीजीपी ऋषिकुमार शुक्ला के अवकाश पर रहने के दौरान सिंह ने ही प्रभारी डीजीपी रहते हुए विधानसभा चुनाव संपन्न करवाया था। 16 अक्टूबर से 30 नवंबर तक वे प्रभारी डीजीपी रहे थे।

कांग्रेस के सत्ता में आते ही इस बात की चर्चा थी कि मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रशासनिक और पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल करेंगे| सीएम के शपथ लेने के बाद दर्जनों आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले भी किये लेकिन डीजीपी को नहीं बदला गया| लेकिन पिछले दिनों कानून व्यवस्था को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर रही | हाल ही हुई आपराधिक घटनाओं को लेकर मौजूदा डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला से मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रसन्न् नहीं थे। भाजपा को सरकार को घेरने का मौका मिला, जिससे कांग्रेस सरकार की किरकिरी हुई। इन कारणों से डीजीपी शुक्ला पर गाज गिरी| प्रदेश में विजय कुमार सिंह, डीजीपी शुक्ला के बाद वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी हैं। शुक्ला अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में अस्वस्थ हो गए थे और वे इलाज के सिलसिले में लंबे अवकाश पर चले गए थे। तब वीके सिंह प्रभारी डीजीपी बनाये गए थे| चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को मैदानी पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर शिकायतें नहीं मिली थीं। सिंह को डीजीपी बनाए जाने के पीछे यह एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। 


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News