अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का फैसला कंपनी के फाउंडर नैट एंडरसन द्वारा लिया गया है। दरअसल, सोशल मीडिया के माध्यम से नैट एंडरसन ने इसे बंद करने की घोषणा की। बता दें कि कंपनी ने 2023 में अडानी समूह के खिलाफ एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की थी, जिसके चलते अडानी समूह के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली थी।
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कंपनी ने एक पोस्ट साझा किया, जिसमें लिखा गया कि हमारे फाउंडर की ओर से एक पर्सनल नोट साझा किया गया है। इस नोट में कंपनी के फाउंडर नैट एंडरसन ने इसे बंद करने की घोषणा की।
क्यों किया गया इसे बंद?
दरअसल, कंपनी के फाउंडर नैट एंडरसन ने कहा, “मैंने पिछले साल अपने परिवार, दोस्तों और हमारी टीम के साथ चर्चा की थी कि इस फर्म को बंद किया जाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि “जांच से जुड़े सभी विचारों की अपनी पाइपलाइन को पूरा करने के बाद कंपनी को बंद करने की योजना बनाई गई थी।” उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में कंपनी ने अपने अंतिम प्रोजेक्ट को पूरा किया, जो पूंजी स्कीमों से जुड़ा हुआ था। इसके बाद, फाउंडर की ओर से इसे बंद करने का निर्णय लिया गया।
A Personal Note From Our Founderhttps://t.co/OOMtimC0gV
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) January 15, 2025
अडानी समूह पर रिसर्च करने के बाद बटोरी सुर्खियां
बता दें कि, भारत में अडानी समूह पर रिसर्च करने के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम चर्चा में आया था। हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडानी समूह के स्टॉक्स में शॉर्ट सेलिंग का दावा किया था। इसके बाद, अडानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि अडानी समूह के शेयरों की कीमत उनके उचित वैल्यूएशन से 85% अधिक है। रिसर्च रिपोर्ट में मार्केट मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया गया था। इसके बाद, अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया था और इसे उच्च न्यायालय द्वारा भी खारिज किया गया था।