भोपाल।
प्रदेश में बालाघाट,मंडला और डिंडोरी के साथ आसपास के क्षेत्र नक्सली प्रभावित हैं. रिर्पोट के अनुसार इंटेलिजेंस को इनपुट मिला है कि प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों का मूवमेंट बढ़ा है.उनकी गतिविधियों की जानकारी लगातार मिल रही है.नक्सली अपने नेटवर्क को प्रदेश में बढ़ाने के लिए नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट, मंडला, डिडोरी और आसपास के क्षेत्रों में गतिविधियां को एक बार फिर बढ़ा रहे हैं.इससे पहले बारिश के मौसम में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के नक्सली संगठनों के कई सदस्यों के पेंच-कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के रास्ते मंडला और अमरकंटक की तरफ आने की जानकारी इंटेलिजेंस को मिली थी. डीजीपी वीके सिंह कई बार ये कह चुके हैं कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के ट्राई जंक्शन में समय-समय पर मूवमेंट की सूचना मिलती है.उन्हें रोकने के सभी प्रयास महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की एजेंसियों के साथ मिलकर किए जाते हैं.वछत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में जांच एजेंसियों के लगातार शिकंजा कसने की वजह से नक्सलियों को मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाके सबसे सुरक्षित लगते हैं. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ से नक्सलियों के अलग-अलग दलम पेंच-कान्हा कॉरिडोर के रास्ते बालाघाट में प्रवेश कर मंडला-अमरकंटक की ओर आते हैं.बालाघाट के बैहर और मंडला के बिछिया-मवई तहसील में नक्सलियों के मूवमेंट की जानकारी स्थानीय इंटेलिजेंस को मिल रही है.बालाघाट के लांजी इलाके के देवरबेली स्थित पुजारी टोला में पिछले साल जुलाई में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए दो इनामी नक्सलियों की वजह से नक्सलियों में आक्रोश है.इस मुठभेड़ में तीन नक्सली फरार हो गए थे.प्रदेश में अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए नक्सली दलम बिना हथियार के अपनी विस्तारवादी योजना के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं.