भोपाल| मूल्यांकन और परीक्षा कार्य में लापरवाही बरतने पर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बड़ी कार्रवाई की है| बोर्ड ने बार बार गलतियां करने वाले ऐसे प्रदेश के 78 शिक्षक-प्राचार्यों पर पारिश्रमिक कार्य पर प्रतिबंध लगाया है| इसमें 47 ऐसे शिक्षक-प्राचार्य हैं जो कभी भी मंडल का मूल्यांकन और परीक्षाओं में सेवाएं नहीं दे पाएंगे। मार्च में बोर्ड परीक्षा शुरू होने वाली है, इससे पहले हुई इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है| क्यूंकि परीक्षा और मूल्यांकन के लिए शिक्षक-प्राचार्याें का अच्छा खासा मानदेय मिलता है|
दरअसल, बोर्ड परीक्षाओं के पूर्व की तैयारियां शुरू हो गई है, ऐसे में मूल्यांकन कार्य की समीक्षा की गई तो जानकारी साने आई कि 78 मूल्यांकनकर्ता ऐसे थे जिनके गलत मूल्यांकन और परीक्षा कार्य में लापरवाही से न केवल विद्यार्थियों को गलत अंक मिले, बल्कि मंडल की छवि भी धूमिल हुई। अब बोर्ड ने मूल्यांकन जैसे कार्य में लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई शुरू कर दी है| मंडल ने संबंधितों को या तो हमेशा के लिए मंडल के पारिश्रमिक कार्यों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है या तो कुछ को समय सीमा के लिए प्रतिबंधित किया है। 47 शिक्षक-प्राचार्यों को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। कुल 78 शिक्षक-प्राचार्यों पर कार्रवाई की गई है।
इन जिलों के शिक्षक-प्राचार्य पर प्रतिबंध
सतना, ग्वालियर, खरगोन, जबलपुर, भिण्ड, श्योपुर, भोपाल, कटनी, बालाघाट इंदौर, शाजापुर, रीवा, उज्जैन, बुरहानपुर, गुना, होशंगाबाद, झाबुआ, अनूपपुर, देवास, राजगढ़, अलीराजपुर, आगर, डिंडोरी और छतरपुर जिले के शिक्षक-प्राचार्याें पर प्रतिबंध लगाया गया है।