भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल तक भाजपा शासन काल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों पर शिकंजा कसता जा रहा है| ई-टेंडर घोटाले में एफआईआर कराने के बाद कमलनाथ सरकार के रडार पर अब माखनलाल विवि में हुई आर्थिक गड़बड़ियां हैं| यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने ईओडब्ल्यू को पत्र लिखकर पिछले आठ साल में विश्वविद्यालय में हुईं आर्थिक अनियमितताओं और यूजीसी के नियमों के विरुद्ध हुई नियुक्तियों के मामले में तत्कालीन कुलपति बीके कुठियाला एवं नियम विरुद्ध तरीके भर्ती हुए स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है।
विवि के रजिस्ट्रार दीपेंद्र सिंह बघेल ने ईओडब्ल्यू को चिठ्ठी लिखकर पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के कार्यकाल में हुई नियुक्ती में गड़बड़ी को लेकर कुठियाला और नियम विरुद्घ तरीके से भर्ती हुए लोगों के खिलाफ एफआईआर करने को कहा है।
कमलनाथ सरकार ने आते ही सबसे पहले माखन चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि में भाजपा शासनकाल में हुए घोटालों की जांच समिति के माध्यम से कराई थी। जिसकी जांच रिपोर्ट आ चुकी है। रिपोर्ट में भर्ती से लेकर सेंटर खोलने, खरीदी, नई बिल्डिंग के निर्माण में घोटाले के तथ्य मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार जल्द ही इस मामले में एफआईआर करा सकती है। जिसमें भाजपा एवं संघ से जुड़े लोग शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पिछली भाजपा सरकार में न केवल बेहिसाब पैसे बांटे गए, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के लोगों को फायदा भी पहुंचाया गया। विवि में अकादमिक कार्यों के नाम पर भी करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा भी हुआ। यह तथ्य विवि में हुई गड़बड़ियों की जांच करने के लिए गठित की गई समिति की रिपोर्ट में सामने आए थे। इसमें समिति ने अनुशंसा की थी यह मामला आर्थिक अनियमित्ताओं से जुड़ा होने के कारण ईओडब्ल्यू को सौंपा जाए। इसलिए कमेटी की जांच रिपोर्ट भी संलग्न की गई है।