भोपाल।
प्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार के गोपनीय प्रतिवेदन के लिए अब नई व्यवस्था लागू होने जा रही है।जिसके तहत तहसीलदार और नायब तहसीलदार के गोपनीय प्रतिवेदन ऑनलाईन भरे जाएंगे। इस व्यवस्था से लगभग 900 अधिकारी लाभांवित होंगे। यह व्यवस्था वर्ष 2019-20 की अवधि के प्रतिवेदन से लागू होगी। वर्तमान में केवल भारतीय प्रशासनिक सेवा और डिप्टी कलेक्टर संवर्ग के अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवेदन ही ऑनलाईन भरे जाते हैं।
शुक्रवार को राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने एनआईसी द्वारा निर्मित स्पैरो एप का शुभारंभ करते हुए इस बात की जानकारी दी। मंत्री राजपूत ने बताया कि अभी तक तहसीलदार और नायब तहसीलदार के गोपनीय प्रतिवेदन मैन्युअली भरे जाने से समय पर प्राप्त नहीं हो पाते थे। इस कारण इन अधिकारियों की पदोन्नति एवं क्रमोन्नति आदि में काफी विलम्ब होता था। अब इन अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवेदन मैन्युअली भरे जाने की व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त किया जा रहा है। प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार के गोपनीय प्रतिवेदन अब ऑनलाईन भरे जायेंगे। यह व्यवस्था वर्ष 2019-20 की अवधि के प्रतिवेदन से लागू होगी। इस व्यवस्था से लगभग 900 अधिकारी लाभांवित होंगे।
राजस्व मंत्री ने बताया कि ई-फाइलिंग सिस्टम के लिए एन.आई.सी. द्वारा तैयार पोर्टल यू.आर.एल. www.mpsparrow.gov.in के माध्यम से प्रतिवेदन भरे जायेंगे। गोपनीय प्रतिवेदन के प्रारूप एवं चैनल में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इसके तहत केवल आवेदक द्वारा स्व-मूल्यांकन फाइल करने, प्रतिवेदक अधिकारी एवं समीक्षक अधिकारी तथा उसके बाद स्वीकारकर्ता अधिकारी के मतांकन की व्यवस्था ऑन लाईन रहेगी। ई-फाइलिंग प्रक्रिया के संबंध में इस संवर्ग के अधिकारियों का प्रशिक्षण शीघ्र ही आयोजित किया जायेगा।