भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश 2018 में टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट के माध्यम से पास हुए ओबीसी वर्ग के 2000 अभ्यर्थी पिछले 4 साल से अपनी जॉइनिंग की बाट जोह रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हे नियुक्ति नहीं मिली है, परेशान अभ्यर्थियों ने अब थक-हार कर राजधानी भोपाल में धरना दे दिया है, जहां करीबन एक महीने से भी ज्यादा समय से इनका धरना जारी है, तपती धूप में सड़क किनारे बैठे इन अभ्यर्थियों ने अब जॉइनिंग मिलने तक कही भी जाने से इंकार कर दिया है, हैरानी की बात यह है कि धरने के साथ ही कुछ अभ्यर्थियों ने भूख हड़ताल भी कर दी है लेकिन उसके बावजूद अभी तक सरकार या विभाग का कोई नुमाइंदा इनसे मिलने नहीं पहुंचा है। वही तेज धूप में बैठे इन लोगों की सेहत भी लगातार खराब हो रही है।
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गौरतलब है, कि मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती 2018 की प्रक्रिया स्कूली शिक्षा विभाग ने शुरू की, इसमें वर्ग एक के लिए 17 हजार पद और जनजातीय कार्य विभाग ने दो पद का विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए फरवरी 2019 में परीक्षा भी हुई, जिसमें प्रथम चरण में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर आरक्षित करते चयन प्रक्रिया 10 जनवरी 2020 से शुरू की जो जुलाई 2021 तक चली। इसी आधार पर मेरिट में आए सभी अभ्यार्थियों की प्रावधिक चयन सूची और प्रावधिक प्रतीक्षा सूची में नाम आने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन किया गया। अक्टूबर 2021 में सभी विषयों के 8,292 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई, इसमें 11 विषयों में प्रावधिक चयन सूची से ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया लेकिन चार विषयों में ओबीसी को सिर्फ 14 फीसदी आरक्षण दिया गया। इन विषयों के 13 फीसदी पद होल्ड किए गए। अन्य पिछड़ा वर्ग से चयनित शिक्षकों का आरोप है कि ओबीसी के 13 प्रतिशत पद होल्ड करने के संबंध में किसी भी न्यायालय का लिखित स्थगन आदेश विभाग के पास नहीं है और न ही किसी वरिष्ठ कार्यालय से कोई रोक है। साढ़े छह हजार से अधिक पद खाली होने के बावजूद भी प्रतीक्षा सूची और होल्ड अभ्यर्थियों की पदस्थापना सूची जारी नहीं की गई है, जिससे ओबीसी के चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित हैं।