जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। जबलपुर में अब अगर बोरिंग की तो 2 साल की कारावास और 2 हजार रुपयें तक का जुर्माना किया जाएगा, दरअसल भीषण गर्मी को देखते हुए जबलपुर कलेक्टर इलैयाराजा टी ने यह फैसला लेते हुए शहर में 30 जून तक शासकीय व निजी नलकूप के खनन पर रोक लगा दी है, गर्मी के दौरान जिले के नगरी निकाय व ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की संकट की संभावना को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही वहीं जिले की सीमा में (सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली) मशीनों को छोड़कर नलकूप खनन की मशीन बिना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अनुमति से प्रवेश नहीं कर सकेंगे। मशीनें जिले में बिना अनुमति के न खनन कर सकेंगी न ही प्रवेश कर पाएंगी।
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जबलपुर में कलेक्टर इलैयाराजा टी के मुताबिक जिलें में पिछले कुछ सालों से औसत वर्षा के चलते जल संकट की स्थिति बनी हुई है ऐसे में कृषि व्यवसायिक औद्योगिक कार्यों के लिए उन जल स्रोतों का अधिक उपयोग किया गया जो साल भर लोगों को पानी देते है, लेकिन लगातार इन जल स्रोतों से जल के दोहन के चलते पेयजल स्त्रोत व नलकूपों का जलस्तर तेजी से गिरा है। हालांकि अभी मानसून की बारिश में देर है, जिसके चलते कलेक्टर ने जल स्तर गिरने व जल स्त्रोतों के सूखे जाने की संभावना को देखते हुए सभी तहसीलों में पेयजल के अलावा अब नए निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही कलेक्टर ने अपने आदेश में साफ कर दिया है प्रतिबंधित स्थानों में प्रवेश करने वाली खनन मशीनों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी। अगर ऐसा करता कोई पाया जाता है तो शासकीय व निजी नलकूपों के खनन पर लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ मध्य प्रदेश के पेय जल परीक्षण अधिनियम की धारा 9 के अनुसार 2 वर्ष तक का कारावास व 2000 रुपए तक का जुर्माना किया जाएगा।