भोपाल। परिवहन विभाग के अफसर टैक्स वसूली के मामले में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निर्देश को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। एक यात्री बस पर 24 लाख रुपए से अधिक का टैक्स बकाया है। शिकायत पर मंत्री ने पंद्रह दिन में वसूली के निर्देश सीहोर के जिला परिवहन अधिकारी को दिए हैं, लेकिन छह महीने से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद अफसर वसूली नहीं कर पाए। यह स्थिति तब है, जब पूरा महकमा टैक्स वसूली को लेकर अभियान चलाने के दावे कर रहा है
दरअसल, यह पूरा मामला परिवहन विभाग के आडिट में सामने आया था। आडिट रिपोर्ट को अफसरों ने दबा दिया था। मामले ने तूल तब पकड़ा, जब सीहोर जिले के बुदनी के रहने वाले सुरेंद्र सिंह चौहान ने इसकी शिकायत की थी। चौहान ने शिकायत में लिखा कि यात्री बस एमपी 04 डी 8026 पर 24, 82,680 रुपए का टैक्स बकाया है, जिसकी वसूली होना है। यह बस मुकेश कुमार मेहता के नाम पर पंजीकृत है। मेहता सीहोर जिले के रेहटी बस स्टैंड के पास रहते हैं। शिकायत के बाद सीहोर के जिला परिवहन अधिकारी ने बकाया टैक्स जमा करने के लिए आपरेटर को नोटिस दिया था। नोटिस जारी करने के बाद टैक्स वसूली को लेकर सख्ती करने की बजाय परिवहन विभाग के अफसरों के तेवर नरम पड़ गए हैं।
टैक्स वसूली को लेकर जिला परिवहन अधिकारी का ढीला रवैया देखकर चौहान ने मामले की शिकायत परिवहन मंत्री राजपूत से की थी। परिवहन मंत्री के विशेष सहायक कमल नागर ने 24 जून 2019 को जिला परिवहन अधिकारी को पत्र लिखा था। पत्र में लिखा था कि बस पर बकाया टैक्स की पंद्रह दिन में वसूली कर इस कार्यालय को अवगत कराएं। मंत्री को पत्र लिखे हुए छह महीने से अधिक समय हो गए, लेकिन वसूली आज तक नहीं हो पाई। सूत्र बताते हैं कि परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी उक्त बस से टैक्स वसूली के निर्देश दिए थे, लेकिन मैदानी अफसरों पर इसका भी असर दिखाई नहीं दिया।