भोपाल। दो साल पहले तमिलनाडु में फिल्मी स्टाइल में ट्रेन की छत काटकर 5.78 करोड़ की लूट करने वाले डकैतों को पुलिस ने खोज निकला है| यह डकैती गुना जिले के पारदी गिरोह ने डाली थी। तमिलनाडु की सीबीसीआईडी द्वारा गुना जेल से ले जाए गए पारदी गिरोह ने पूछताछ में यह कबूल किया है।
पिछले माह तमिलनाडु सीबीसीआईडी की टीम गुना आई थी। यहां पारदियों के डेरे पर दबिश दी थी। फिर गुना जेल में बंद आरोपित मोहर सिंह पारदी, रूसी पारदी, महेश पारदी, कालिया उर्फ कृष्णा उर्फ काबू तथा बिल्टिया पारदी को कोर्ट के वारंट के आधार पर अपने साथ तमिलनाडु ले गई थी। तमिलनाडु सीबीसीआईडी ने वहां उनसे पूछताछ के बाद बताया कि इन्हीं पारदियों ने यह डकैती डाली थी। पारदियों ने कबूला है कि उन्हें इस ट्रेन से नियमित राशि भेजे जाने की जानकारी थी। इसके लिए उन्होंने काफी रैकी की थी। इसके बाद 8 अगस्त 2016 को इंडियन ओवरसीज बैंक से करीब 342 करोड़ रुपए सलेम-चेन्नई-इग्मोर एक्सप्रेस की पार्सल बोगी से रिजर्व बैंक चेन्नई के लिए भेजे जा रहे थे। तब वे इसी ट्रेन में सवार हो गए। रास्ते में चिन्नासलेम और विरुदाचलम स्टेशन के बीच पार्सल बोगी की छत काटकर उसमें से 500 के नोटों की शक्ल में 5 करोड़ 78 लाख रुपए उड़ा लिए थे और लुगियों में भरकर गुना लौट आए थे। यहां उसमें से कुछ प्रापर्टी सहित अन्य खरीदी की।
नोटबंदी के बाद जला दिए थे नोट
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी हो गई थी, तो उन्होंने लूटी गई राशि में से काफी नोट जला दिए थे। सीबीसीआईडी के मुताबिक इस मामले में रतलाम जिले के दिनेश और रोहन को पहले ही गिरफ्तार कि या जा चुका था। अब भी कुछ आरोपियों की तलाश है।
नासा ने की थी मदद
दो साल पहले सलेम-चैन्नई इगमोर एक्सप्रेस सलेम और वृंदाचलम स्टेशनों के बीच सिग्नल के इंतजार में खड़ी थी, तभी डकैतों ने छत काटकर ट्रेन से 5.78 करोड़ रुपए लूट ले गए। चेन्नई पुलिस को शुरूआत में डकैती का कोई क्लू नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने नासा की मदद ली। घटना से जुड़े फोटो और वीडियो क्लिपिंग निकलवाई। जिसके आधार पर पुलिस संदिग्धों तक पहुंची।