भोपाल। नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में आदर्श ग्राम योजना के तहत अच्छा काम कर चुके मध्य प्रदेश के सांसद इस बार गांव गोद लेकर उन्हें आदर्श बनाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। लोकसभा के चुनाव हुए आठ महीने हो गए हैं, योजना के तहत एक गांव का चयन कर सालभर में वहां आदर्श गांव की मूलभूत सुविधाएं जुटाना हैं। प्रदेश में बीजेपी के 28 सांसद हैं। लेकिन इन आठ महीने में महज चार सांसद आदर्श बनाने के लिए गांवों का चयन कर पाए हैं। वहीं, राज्यसभा के 11 सांसदों में से महज एक ने इस साल नए गांव को गोद लिया है। खास बात यह है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में सांसदों ने पांच साल में कई गांव गोद लेकर उन्हें आदर्श बनाने का प्रयास किया था। लेकिन दोबारा सत्ता में आते ही मोदी के इन सांसदों की गांवों को आदर्श बनाने में रुचि नहीं दिख रही है।
28 में से 4 सांसदों ने गांवों को लिया गोद