भोपाल।
सरकार किसकी बनेगी इसका फैसला 11 दिसबंर को होगा, लेकिन इसके पहले आज शिवराज सरकार ने कैबिनेट बैठक बुलाई है। बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे से मंत्रालय में बैठक होगी। इसमें एक दर्जन से ज्यादा मुद्दे अनुसमर्थन के लिए रखे जाएंगे। बैठक में कोई भी ऐसा मुद्दा शामिल नहीं किया जा रहा है, जो नया और नीतिगत हो। बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक को मौजूदा सरकार की अंतिम बैठक माना जा रहा है। 11 दिसंबर को नतीजे आने के बाद सरकार का स्वरूप बदला होगा।
खबर है कि इसमें पूर्व में रूक करीब 14 प्रस्तावों पर कैबिनेट से अनुसमर्थन होना है। ।इनमें अध्यापक संवर्ग के लिए जारी हुए आदेश, किसानों के लिए 200 रुपए बोनस सहित कुल 14 मामले हैं। इसके अलावा डेंगू और जीका वायरस को लेकर भी बैठक में चर्चा होना है। इसके लिए सभी मंत्रियों को फोन पर सूचना दी गई है। वही देर शाम मंत्रालय से मंत्रियों को बैठक का एजेंडा भेजा गया। बताया जा रहा है कि इसमें अनुसमर्थन के करीब एक दर्जन विषय शामिल किए गए हैं। एक-दो नीतिगत विषय रखने की तैयारी थी। इसको लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से दिनभर संवाद होता रहा पर अनुमति नहीं मिली।जिसके चलते कुछ बदलाव किए गए है।
ये मंत्री होंगें शामिल
अगर भाजपा की सरकार बनती है तो इस कैबिनेट के कुछ चेहरे नहीं होंगे। इनमें वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री कुसुम महदेले, बिना विभाग के मंत्री हर्ष सिंह और उद्यानिकी मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा शामिल हैं। इन्हें पार्टी ने इस बार चुनाव नहीं लड़ाया। नये चेहरे शामिल होंगें उनको लेकर भी चर्चा की जानी।
कांग्रेस ने जताई आपत्ति
कांग्रेस ने आचार संहिता में कैबिनेट बैठक बुलाने को लेकर आपत्ति उठाई है। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में मतदान हो चुका है। आचार संहिता पहले से लागू है ऐसे में सरकार सिर्फ कार्यवाहक सरकार है। इसके पास किसी भी तरह की बैठक बुलाने और निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। अगर ऐसा किया जा रहा है तो यह सीधे तौर पर सत्ता का दुरुपयोग है। कांग्रेस ने इलेक्शन कमिशऩ को सीएम के मंत्रालय जाने को लेकर भी शिकायत की है। इस पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सामान्य प्रशासन विभाग से प्रतिवेदन मांगा था, जिसमें कहा गया कि सरकार को बैठक बुलाने का अधिकार है, लेकिन वह कोई नीतीगत फैसले नही ले सकती ।
नही ले सकेंगें नीतिगत फैसले
कैबिनेट बैठक के लिए अब तक चुनाव आयोग से मंजूरी नही ली है। कैबिनेट की बैठक को लेकर चुनाव आयोग को कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।ऐसे में आज शासन की ओर से किसी भी तरह का बड़ा निर्णय या फिर पॉलिसी पर कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता। वही आयोग की इजाजत के बिना कैबिनेट कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकती है और अगर ऐसा होता है तो वो आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे मे आएगा ।