E-Tender Scam: जांच का दायरा बढ़ा, पूर्व मंत्री-अफसरों को नोटिस भेजने की तैयारी

Published on -

भोपाल। राज्य की जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू ने लंबी जांच के बाद ई-टेंडरिंग घोटाले (e-tendering scam) में एफआईआर दर्ज कर ली है। जिसमें टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाली कंपनियों के संचालक समेत संबंधित विभागों में तत्कालीन अधिकारी, कर्मचारी एवं नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। अब जांच एजेंसी  ई-टेंडरिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी के समय विभागों के प्रमुख सचिव रहे अधिकारी एवं मंत्रियों से भी पूछताछ कर सकती है। इसके लिए ईओडब्ल्यू की ओर से नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है। 

ई-टेंडरिंग (e-tendering scam) में गड़बड़ी को लेकर आधा दर्जन विभागों के नाम सामने आए हैं। जिसमें जल संसाधन, लोक निर्माण विभाग, पीएचई, मप्र सड़क विकास निगम, जल निगम आदि विभाग शामिल हैं। शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुई ईं-टेडरिंग (e-tendering scam) प्रक्रिया में गड़बडी मामला करीब 6 महीने पहले आया था। तब सरकार न��� जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी थी। जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने दो दिन पहले ही निजी फर्मों के संचालक समेत अज्ञान अधिकारी एवं राजनेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। अब ई-टेंडरिंग (e-tendering scam) में गड़बड़ी को लेकर संबंधित फर्म संचालक, अधिकारी एवं नेताओं को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। 

MP

पूर्व मंत्रियों की बढ़ी परेशानी

(e-tendering scam) ई-टेंडरिंग में एफआईआर होते ही शिवराज सरकार में मंत्री रहे भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है। पिछले दो दिन के भीतर पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले, नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह समेत  पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। खास बात यह है कि ई-टेंडरिंग में गड़बड़ी के समय कुसुम मेहदेले पीएचई, नरोत्तम मिश्रा जल संसाधन, रामपाल सिंह लोनिवि के मंत्री रहे हैं। मेहदेले ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाए हैं। 


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News