मप्र : नियुक्ति के लिए सड़कों पर उतरे प्रोफेसर, मांगे पूरी ना होने पर सरकार को दी चेतावनी

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भोपाल।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज पीएससी चयनित 1500 से अधिक प्रोफेसरों ने सड़कों पर उतरकर नियुक्ति के लिए शांति मार्च निकाला।इसमें नेट, सेट, पी.एच.डी. धारी प्रोफेसर शामिल हुए। प्रोफेसरों का कहना था कि 26 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पीएससी के माध्यम से हो रही प्रदेश के महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापको की भर्ती को लेकर अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इस दौरान प्रोफेसरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते हुए मांगे पूरी नही की गई तो सरकार को आंदोलन को सामना करना पड़ेगा।

उनका कहना है कि चयनित अभ्यर्थियों दस्तावेजों के सत्यापन उपरांत पांच माह से वे नियुक्ति का इंतजार कर रहे। लेकिन अब तक उन्हें नियुक्ति नहीं दी गयी। जबकि चयनित 2536 अभ्यर्थियों में से 90% से अधिक म.प्र. के मूल निवासी हैं जिसमें 43% अतिथि विद्वान हैं। इसी के चलते पीएससी से चयनित 1500 से अधिक नेट, सेट, पी-एच.डी. धारी आदि सबने मिलकर चिनार पार्क से प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय तक शांतिमार्च निकाला और मुख्यमंत्री के नाम मंत्री जीतू पटवारी को ज्ञापन सौंपा।जीतू पटवारी ने भी उनको आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर कांग्रेस की सरकार गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है। उच्चतम न्यायालय में ग्वालियर खंडपीठ द्वारा सहायक अध्यापकों का केस पेंडिंग है इसलिए उनकी मांग को सीएम कमल नाथ द्वारा संज्ञान में लाया जाएगा। जीतू पटवारी ने विश्वास दिलाया कि कांग्रेस पार्टी ने अपने वचन पत्र में अतिथि विद्वान की जो मांगे हैं उसको अवश्य पूरा किया जाए

परमानेंट जॉब न मिलने को लेकर नाराज अभ्यर्थियों का कहना है कि आज सड़कों पर शांति मार्च निकालकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है। लेकिन समय रहते अगर सरकार ने मांगे पूरी नही की, तो आने वाले समय में सरकार को आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।

 


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