भोपाल।
चुनावों की तारीखों का ऐलान होते ही राजनैतिक दलों में हलचल मच गई है। पार्टियां चुनाव से पहले बैठके कर आगे की रणनीति तैयार कर रही है । इसी कड़ी में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा ने पार्टी को बड़ी नसीहत दी है। साथ ही कहा कि शर्मा ने कहा कि 15 साल के शासन में कई अवसरवादी पार्टी में शामिल हो गए ,लिहाजा नेतृत्व अपनी नजरें ठीक रखे। परिक्रमावादी और पराक्रमवादी में नेतृत्व का अंतर समझना चाहिए ।
वही उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए टिकट वितरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि परिक्रमा वादी टिकिट तो ले आते है लेकिन पार्टी की सेहत के लिए ये ठीक नही होते है। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशियों का चयन सही नहीं हुआ था, जिसका खामियाजा आपके सामने है। चुनाव के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं की वर्किंग में लापरवाही देखी गई।
खुद के चुनाव लड़ने पर बोले
वही अपने लोकसभा चुनाव लड़ने पर शर्मा ने कहा कि पिछले चुनाव में मुझे भी तैयारी करने को कहा था, पर मेरे साथ भी कपट किया गया। अब मैं टिकिट के लिए किसी के सामने याचना करने नही जाऊंगा, पार्टी को ठीक लगे तो टिकिट दें वरना ना दे।बताते चले कि बीजेपी द्वारा 70 पार के फॉर्मूले पर यू-टर्न लेने के बाद वरिष्ठ नेताओं में फिर से चुनाव लडने की उम्मीद जागी है और वे दावेदारी पेश कर रहे है। इससे पहले वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर ने भोपास से टिकट की दावेदारी पेश की है।
पिछले दिनों शिवराज पर साधा था निशाना
इसके पहले भी रघुनंदन ने पार्टी के रवैये को लेकर नाराजगी जताई थी। बीते दिनों बीजेपी कार्यालय में बैठक के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज से नाराज हो गए थे। उन्होंने बिना नाम ही शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा था कि लोग तो भाषण देकर चले गए। संगठन ने जिम्मेदारी दी है तो उन्हें पूरे समय बैठक में उपस्थित रहना चाहिए। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की तरफ देखते हुए कहा न समय से बैठकें शुरू होतीं हैं कार्यकर्ता को मिलने का समय नहीं मिलता। एक-एक दिन में बिना मतलब की दस-दस बैठकें होती हैं। इनमें कुछ कार्ययोजना बनने की बजाए भाषण-बाजी हो जाती है। ऐसे भाषणों का क्या लाभ होगा। रघुनंदन के गुस्से के कारण शिवराज के बैठक में देरी से पहुंचने और फिर भाषण देकर चले जाना था।