भोपाल।
17 जिलों जिलो की तरह अब उपभोक्ता रीवा, सिंगरौली, सीधी और सतना जिलों में भी राशन कार्ड का उपयोग एटीएम कार्ड की तरह कर सकेंगें। इन जिलों में कोई भी कार्डधारक हितग्राही किसी भी अन्य दुकान या शहर से रियायती दर पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में राशन प्राप्त कर सकेगा। इस व्यवस्था से उपभोक्ताओं को ही सुविधा नहीं मिली है बल्कि काला-बाजारी और बेईमानी पर अंकुश लगाना भी आसान हो गया है। इसकी जानकारी खुद खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने दी है।
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तोमर ने बताया कि सुविधा 17 जिलों में पिछले महीने ही यह सुविधा लागू कर दी गई है। इंदौर, खरगोन, खंडवा, झाबुआ, अलीराजपुर, बुरहानपुर, बड़वानी, धार, देवास, उज्जैन, आगर-मालवा, शाजापुर, मन्दसौर, रतलाम, नीमच, शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिलों में यह व्यवस्था गत माह तक लागू कर दी गई है। एक अगस्त से बाकी जिलों में इसे लागू किया गया है। प्रदेश के शेष जिलों में ये व्यवस्था मार्च 2020 तक लागू कर दी जाएगी।खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दावा किया है कि इस तरह की योजना लागू करने वाला मप्र देश का पहला राज्य बन जाएगा।
कही भी रहे मिलता रहेगा राशन
नई व्यवस्था के बाद इन जिलों के उपभोक्ता प्रदेश के किसी भी शहर या वार्ड से आधार कार्ड दिखाकर राशन ले सकेंगे। व्यवस्था लागू होने के बाद इन जिलों के गरीब-मजदूर उपभोक्ता प्रदेश में कहीं भी रहें, उन्हें राशन मिलता रहेगा। सिर्फ उन्हें अपना आधार कार्ड दिखाना होगा। अभी पांच करोड़ 86 लाख गरीब परिवारों को राशन दिया जा रहा है।
परिवार के सदस्य को राशन लेने अधिकृत कर सकता है मुखिया
जिन उपभोक्ताओं का आधार कार्ड लिंक नहीं हुआ है, उन्हें भी राशन से वंचित नहीं किया जाएगा। ऐसे उपभोक्ता राशन दुकान पर ही ई-केवाईसी कराकर राशन ले सकेंगे। दुकानों पर उपभोक्ता के नाम से दर्ज गलत आधार नंबर को भी सुधारा जा सकेगा। जिन गरीब लोगों के आधार कार्ड नही बने हैं वो समग्र आईडी के ज़रिए राशन ले सकेंगे। वहीं जिन दुकानों पर इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं हैं। उन उपभोक्ताओं को ऑफलाइन राशन दिया जाएगा। नई व्यवस्था में मुखिया परिवार के दूसरे सदस्य को राशन लेने के लिए अधिकृत कर सकेगा। इस व्यवस्था से दोहरे और बोगस परिवारों को सूची से हटाना आसान होगा।