Sale of liquor banned in 17 religious places of MP from 1 April: नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से देश में बहुत से नियम कायदे बदल जायेंगे, मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही कुछ होगा लेकिन इन नियम कायदों के अलावा मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से शराब बंदी की शुरुआत भी हो जाएगी, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश और फिर कैबिनेट के फैसले के बाद 1 अप्रैल से 19 धार्मिक नगरों में शराब बिक्री प्रतिबंधित रहेगी, यहाँ स्थित दुकानों पर ताले लगा दिए जायेंगे।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले लंबे समय से प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी की मांग कर रही है, वे इसे एक सामाजिक बुराई बताती है और कहती हैं कि शराब परिवारों को तोड़ती है महिलाओं पर अत्याचार बढ़ाती है इसलिए भले ही ये सरकार को राजस्व दिलाने वाली हो लेकिन इसे बंद करना चाहिए और राजस्व बढ़ाने लिए दूसरे प्रयास करने चाहिए।

उमा भारती के अभियान और लगातार मांग के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी उनकी बात से कनवेंस हुए और उन्होंने पिछले दिनों घोषणा की कि वे मध्य प्रदेश के धार्मिक नगरों में अब शराब नहीं बिकने देंगे, वहां मौजूद शराब की दुकानों पर ताले लग जायेंगे, उनकी घोषणा पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी और तय हो गया कि प्रदेश एक 17 धार्मिक नगरों पर पूर्ण शराब बंदी की जाएगी।
1 अप्रैल से MP के धार्मिक नगरों में नहीं बिकेगी शराब
कैबिनेट ने तय किया कि धार्मिक नगरों पर पूर्ण शराब बंदी 1 अप्रैल से प्रभावी होगी इसलिए अब कल मंगलवार 1 अप्रैल से इन जगहों पर शराब नहीं मिलेगी यहाँ शराब की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी और ऐसा करना अपराध माना जायेगा , सरकार के फैसले के बाद पुलिस भी इसे लेकर एक्टिव रहेगी, शुरुआत में अभी 19 जगह चिन्हित की गई है।
इन 19 धार्मिक नगरों में शराब बिक्री प्रतिबंधित रहेगी
जिन धार्मिक क्षेत्रों में शराब बिक्री प्रतिबंधित की गई है उसमें उज्जैन नगर निगम, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मैहर नगर पालिका, चित्रकूट नगर पंचायत, दतिया नगर पालिका, पन्ना नगर पालिका, मंडलेश्वर नगर पंचायत, ओरछा नगर पंचायत, मंडला नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, अमरकंटक नगर पंचायत, बरमान कला ग्राम पंचायत, लिंगा ग्राम पंचायत, बरमान खुर्द ग्राम पंचायत, कुंडलपुर ग्राम पंचायत, सलकनपुर ग्राम पंचायत, और बांदकपुर ग्राम पंचायत शामिल हैं।