MP कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने NEET परीक्षा में हुई गड़बड़ी की न्यायिक जांच की मांग की

उन्होंने कहा यह पूरा एक चक्र है जो विद्यार्थियों के जीवन मरण से जुड़ा है। अव्यवस्था से निराश युवा हजारों की संख्या में आत्म हत्या कर चुके है। अभी हाल ही में नीट का रिजल्ट आने के बाद एक लड़की ने कूद कर आत्महत्या कर ली।धांधलियों को रोकने के लिये कड़े कानून की आवश्यकता है।

Atul Saxena
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Ajay Singh

Irregularities in NEET Exam : NEET परीक्षा के घोषित परिणाम में गड़बड़ी सामने आने के बाद कांग्रेस हमलावर है और इसे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बता रही है, मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता भी इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने NEET परीक्षा की धांधली की तुलना पिछले दिनों सामने आये मध्य प्रदेश पटवारी परीक्षा 2023 घोटाले से की, अब एक अन्य वरिष्ठ नेता पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इसपर सवाल उठाये हैं।

अजय सिंह ने NEET परीक्षा में हुई गड़बड़ी की न्यायिक जाँच की मांग की 

पूर्व नेता प्रतिपक्ष और विधायक अजय सिंह ने अपने बयान में देश की सबसे बड़ी और दूसरी सबसे मुश्किल परीक्षा NEET में हुई व्यापक गड़बड़ियों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग केन्द्र सरकार से की है। उन्होंने दो हफ्ते में जांच पूरी कर, गड़बड़ी मिलने पर दोबारा परीक्षा कराने की मांग भी की है। उन्होंने कहा है कि रिजल्ट की समीक्षा विशेषज्ञों के माध्यम से तत्काल कराई जाये।

बड़ा सवाल, परीक्षा केन्द्र में एक ही लाइन में बैठे 12 लोगों की रैंक वन कैसे आ जाती है

अजय सिंह ने कहा है कि सरकार युवाओं के भविष्य से खेलना बंद करे। उन्होंने कहा कि नीट के परिणाम आने के बाद ऐसा क्या हुआ कि पूरे देश के छात्र भड़क गये, प्रथम दृष्टया गड़बड़ी की बू आ रही है। पहले रिजल्ट 14 जून को घोषित किया जाना था लेकिन NTA ने बड़ी चालाकी के साथ चुनाव रिजल्ट के दिन चार जून को ही परिणाम घोषित कर दिया। परीक्षा केन्द्र में एक ही लाइन में बैठे 12 लोगों की रैंक वन कैसे आ जाती है, यानी सौ में से पूरे सौ।

सरकार की मंशा पर सवालिया निशान 

अजय सिंह ने कहा कि नीट पेपर लीक की भी शिकायत हुई है लेकिन एनटीए ने कहा कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ। जबकि पटना में पेपर लीक की शिकायतें हुई और पुलिस ने लोगों को गिरफ्तार भी किया। यह सब सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाता है। अव्वल तो परीक्षा समय पर नहीं होती है। परीक्षा हो जाये तो पेपर लीक हो जाता है और बाद में हंगामा होने पर परीक्षा निरस्त हो जाती है। इसका खामियाजा विद्यार्थियों भुगतना पड़ता है।

उन्होंने कहा यह पूरा एक चक्र है जो विद्यार्थियों के जीवन मरण से जुड़ा है। अव्यवस्था से निराश युवा हजारों की संख्या में आत्म हत्या कर चुके है। अभी हाल ही में नीट का रिजल्ट आने के बाद एक लड़की ने कूद कर आत्महत्या कर ली।धांधलियों को रोकने के लिये कड़े कानून की आवश्यकता है।

अजय सिंह ने कहा कि युवाओं की परेशानियों को सुनकर ही राहुल गांधी कांग्रेस के न्याय पत्र में भर्ती विधान जुड़वाया है। इसके अनुसार देश में सारी वेकेंसी भरी जायेगी, कैलेंडर के हिसाब से परीक्षा होगी। एक नया कड़ा कानून बनाया जायेगा ताकि परीक्षा में सांठ-गांठ करने वालों और पेपर लीक करने वालों पर कड़ी कार्यवाही हो सके। उन्होंने कहा कि “परीक्षा पर चर्चा” का नाटक बंद किया जाये और परीक्षा सुधार को लागू किया जाये।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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