भोपाल,गौरव शर्मा। भारतीय लोकतंत्र में गाहे-बगाहे ही कोई ऐसा मौका आता हो जो पक्ष और विपक्ष एक सुर में किसी बात का समर्थन करें। सोमवार को मध्यप्रदेश की विधानसभा में भी एक ऐसा ही अनूठा मामला सामने आया जिसमें सत्तापक्ष की बात का समर्थन करने पर नेता प्रतिपक्ष को खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बधाई दी।
सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ। शुरुआत हुई राज्यपाल के अभिभाषण से जिसमें सरकार की उपलब्धियों का खाका खीचा गया। लेकिन इन सबके बीच चर्चा का विषय बन गई कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी की अनुपस्थिति। दरअसल जीतू ने सुबह ही एक ट्वीट कर दिया था और साफ लिखा था कि वे राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन से बहिर्गमन करेंगे। जीतू ने बहिर्गमन तो किया लेकिन कांग्रेस पार्टी का कोई भी विधायक उनके साथ नहीं हुआ। इस बात को लेकर संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने अध्यक्ष से पॉइंट ऑफ इंफॉर्मेशन के तहत बात उठाई और कहा कि यह बेहद गलत परंपरा है कि अभिभाषण सुने बिना ही उसका बहिर्गमन कर दिया गया।
नरोत्तम ने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा की अपनी स्वस्थ परंपराएं हैं और उनका पालन होना चाहिए। नरोत्तम ने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ से अपील की कि वे इस बात को बेहद गंभीरता से लें। कमलनाथ जब बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने भी बड़प्पन का परिचय दिया और साफ कहा कि वह भी इस तरीके से सहमत नहीं जैसा तरीका जीतू पटवारी ने अपनाया है। संसदीय परंपराओं का सम्मान होना चाहिए और यह कांग्रेस पार्टी का निर्णय नहीं था कि जीतू बहिर्गमन करें। कमलनाथ के यह बोलने के बाद खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खड़े हुए और उन्होंने भी कमलनाथ को इस बड़प्पन के लिए धन्यवाद दिया।