पत्रकारिता विवि के छात्रों पर एफआईआर और उनके निष्कासन को शिवराज ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

Published on -

भोपाल। राजधानी के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में दो प्रोफेसरों के खिलाफ प्रदर्शन करने और उन्हें बर्खास्त करने वाले 23 विद्यार्थियों के खिलाफ विवि प्रशासन ने निष्कासन की कार्रवाई की है। मामले में मंगलवार देर शाम विश्वविद्यालय प्रशासन ने आगामी आदेश तक बच्चों को निष्कासित कर दिया है। एमपी नगर थाने में दस विद्यार्थियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है। विश्वविद्यालय परिसर से निकलकर अब इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। भाजपा विद्यार्थियों के खिलाफ हुई कार्रवाई का विरोध कर रही है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए विद्यार्थियों का निष्कासन वापस लेने की मांग की है। 

मंगलवार देर रात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में छात्रों के निष्कासन और उनपर हुई एफआईआर के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि देश में लोकतंत्र है और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कोई भी रख सकता है। यह तो पत्रकारिता विवि के बच्चे थे। अगर उन्होंने काई मांग रखी थी, मुद्दा उठाया था तो उसका जायज समाधान करने की कोशिश करनी थी। इसके बजाय शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे बच्चों को घसीट कर निर्जीव वस्तुओं की तरह फेंक दिया गया। बच्चों को चोट लगी है, एक बच्चे को फ्रैैक्चर हुआ है। उन्होंने कहा कि पुलिस बर्बरता पूर्वक बच्चों को पकड़ कर थाने ले गई, उनके कपडे उतरवाए गए। पहले उनके खिलाफ एफआईआर की गई और अब बच्चों को विवि से निकाल दिया गया। आगे शिवराज ने कहा कि यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, लोकतंत्र में उनकी आवाज दवाने की कोशश है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति होती है, लेकिन क्या बच्चे कुचल दिए जाऐंगे, क्या उनका भविष्य चौपट कर दिया जाएगा। यह अन्याय पूर्ण है। शिवराज ने बच्चों के निष्कासन को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि अन्याय के खिलाफ हम बच्चों का साथ देंगे। हमारी मांग है कि बच्चों का निष्कासन तुरंत वापस लिया जाए। उन पर लादे गए झूठे मुकदमें तुरंत वापस लिए जाए और उनकी जायज बातों को सुना जाए। 


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News