आपदा में फंसे लोगों को बचाने शिवराज ने अपनाया यह अनोखा तरीका,देखिये वीडियो

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में इस समय मूसलाधार वर्षा के कारण पैदा हुऐ हालात में लोगों की जान बचाने के लिए कमान खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभाली हुई है।शिवराज ने एक पुरानी तकनीक का उपयोग कर बाढ प्रभावित कई लोगो को सुरक्षित पहुंचा दिया।

सत्ता के शीर्ष पर लंबे समय रहने के बाद भी आम जनता के साथ कनेक्टिविटी का बेहतरीन उदाहरण शिवराज सिंह चौहान से ज्यादा शायद कोई नहीं। मध्यप्रदेश में शायद ही ऐसा कोई कस्बा या गांव है जिसमें उनका कोई न कोई परिचित ऐसा ना हो जिससे उनका सीधा संवाद न हो ।आम जनता के साथ शिवराज की कनेक्टिविटी की तारीफ विपक्षी भी करते हैं। बुधवार को शिवराज की यही विशेषता कई लोगों की जिंदगी बचाने के काम आई। दरअसल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पिछले तीन दिनों से जिस तरह से मूसलाधार वर्षा हुई है उसने कई जगह बाढ़ की स्थिति निर्मित कर दी है। नदियां उफान पर हैं, नाले उबल रहे हैं।कई गांव टापू बन गए हैं और लोगों की जिंदगी खतरे में है। ऐसे में पिछले दो दिनों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोर्चा संभाले हैं और खुद मौके पर जाकर लोगों की परख कर रहे हैं। बुधवार को एक वीडियो सामने आया जिसमें उन्होंने बाढ प्रभावित गांव के लोगों से संवाद स्थापित किया जो आपदा में फंसे हुए थे और हेलीकॉप्टर को उन्हें गांव की दिशा की ओर ले गए। प्रभावित लोगों के एक व्यक्ति से मोबाइल से खुद शिवराज ने संपर्क किया और कहा कि वे लाल झंडे जैसा कोई इंडिकेशन हेलीकॉप्टर के आते ही लहरा दे। ऐसा ही हुआ।शिवराज जैसे ही गांव के पास पहुंचे बाढ़ प्रभावित लोगों ने लाल झंडा लहराना शुरू कर दिया और खुद मुख्यमंत्री फिर उस गाव को मॉनिटर करते रहे जब तक लोगों तक सहायता नहीं पहुंच गयी। ऐसे सैकङो लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाल लिया गया।

मुख्यमंत्री ने अपने हेलिकॉप्टर के माध्यम से एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर को संपर्क किया और इस गाँव के लोगों के फँसे होने का संदेश भिजवाया। तत्पश्चात एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर उस गाँव में पहुँचा और उससे फँसे हुए नागरिकों को रेस्क्यू किया गया।

इसके पहले मंगलवार से ही बेहद मुश्किल हालातों में लोगों को बचाने मुख्यमंत्री शिवराज संकटमोचक बन गए। खतरे की परवाह किये बिना जैसे संभव हुआ वैसे बाढ़ में फंसे लोगों के बीच पहुंचे थे।सुबह बोट से एनडीआरएफ की टीम के साथ तो दोपहर में हवाई सर्वे कर हालात का जायजा लिया था। मैदान में जुटी सभी टीमों का खुद मैदान में उतरकर हौसला बढ़ाया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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