CUET 2022 : गलती सिस्टम में और परेशान हुए छात्र, परीक्षा केंद्र ने जिम्मेदारी से झाड़ा पल्ला

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नई शिक्षा नीति में हुए बदलाव के चलते कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया। जिसके चलते 12वीं के बाद जो भी छात्र आगे पढ़ने के लिए कॉलेजों में एडमिशन लेना चाहते हैं और किन्ही भी सेंट्रल या स्टेट यूनिवर्सिटी में दाखिला पाना चाहते हैं उन्हें सीयूईटी की परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा के बाद ही छात्र किसी भी यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सकेंगे। इसके चलते देशभर के 247 सेंटरों पर यूजीसी द्वारा नेशनल टेस्ट एजेंसी की मदद से 15 जुलाई से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी की परीक्षाएं प्रारंभ की गई। इन परीक्षाओं में छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा भी लिया। इसी के चलते भोपाल में रातीबड़ स्थित आईईएस इंस्टीट्यूट मैं छात्रों के लिए परीक्षा की तैयारी की गई।

16 जुलाई को हुई इस परीक्षा में छात्रों को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। परीक्षा में शामिल छात्रों ने बताया की परीक्षा शुरू होते ही कंप्यूटर की स्क्रीन पर उन्हें समय तो देख रहा था पर जो पहला सवाल उनके सामने आया वह 3 मिनट की देरी से आया। और ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ। कई सवालों के उत्तर छात्रों को भली-भांति पता दे लेकिन माउस से क्लिक न होने के चलते वे उस सवाल का जवाब अंकित नहीं कर पाए।

कॉमर्स के छात्रों ने अप्लाइड मैथ्स को परीक्षा के लिए चुना था लेकिन जब एग्जाम देने गए तब उनके सामने जनरल मैथ के सवाल थे। हालांकि कॉलेज प्रबंधन ने इन सभी परेशानियों को नेशनल टेस्ट एजेंसी के सॉफ्टवेयर की दिक्कत बता कर अपनी ओर से सभी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ा। इतना ही नहीं इन सब परेशानियों के चलते जब छात्रों ने प्रबंधन से कुछ अतिरिक्त समय मांगा तो वह भी छात्रों को मुहैया नहीं कराया गया। छात्रों ने इंस्टिट्यूट में कंप्यूटर काम न करने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं जिसके चलते कई छात्रों को अपने कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर जाना पड़ा और उनका समय बर्बाद हुआ। हालांकि छात्रों ने प्रबंधन पर यह आरोप भी लगाया कि हमें अतिरिक्त समय नहीं दिया गया लेकिन एक बड़े मंत्री के करीबी रिश्तेदार को मंत्री के डर से अतिरिक्त समय दिया गया।

जब छात्रों को कहीं से भी मदद की उम्मीद नहीं दिखी तब उन्होंने अपनी परेशानियों के बारे में नेशनल टेस्ट एजेंसी को मेल कर अवगत कराया। छात्रों ने एनटीए से मांग की है की अगस्त अगस्त में होने वाली फेस 2 की परीक्षा में उन्हें एक और मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन अभी तक यूजीसी या एनटीए की तरफ से छात्रों को कोई जवाब नहीं। छात्रों ने यह तक कहा है कि उनके साथ जो परेशानियां घटित हुई हैं उन्हें साफ तौर पर कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरा में देखा जा सकता है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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