भोपाल के व्यापारिक नगर का एक ऐसा रेलवे ब्रिज, जहां पर रूकना पड़ता है सभी को

भोपाल,रवि नाथानी। राजधानी भोपाल (Bhopal) के व्यापारिक नगर बैरागढ़ के साथ हर समय सोतेला व्यव्हार किया जाता है,जबकि यहां के नागरिक टैक्सेशन के मामले से लेकर विकास कार्यो में भी सरकारों को समय-समय पर अपना योगदान देते रहे है, उसके बाद भी यहां के नागरिकों के साथ ऐसा क्यों होता है यह समझ से परे है। इधर संत नगर में सालों पुरानी मांग रेलवे ओवर ब्रिज को आज तक पूरा नहीं किया गया है,जबकि इसके लिए सभी बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है। इस ब्रिज पर प्रदेश के मुख्यमंत्री का काफिला भी एक बार अंतोष्टी के दौरान फाटक लगे होने से रूका रहा।

कुछ दिन पहले ही सेंट्रल पंचायत ने इस मामले में रेल मंत्री, सांसद व विधायक को लिखा पत्र लिखा है। पत्र लिखकर कहा है कि संत हिरदाराम नगर में रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए स्वर्गीय रेल राज्य मंत्री माधवराव सिंधिया ने 23 मार्च 1987 को नव युवक सभा भवन में आयोजित समारोह में 4 करोड़ की राशि स्वीकृत करने की घोषणा थी, लेकिन आधी राशि प्रदेश सरकार द्वारा आवंटित न किए जाने के कारण इस पर अमल नहीं हो सका। इसके बाद अनेक योजनाएं तो बनी लेकिन रेलवे ओवर या अंडर ब्रिज की सौगात नहीं मिल सकी है।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”