भोपाल।
सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर उच्चतम न्यायालय ने एक बड़ा फैसला दिया है। उच्चतम न्यायालय का यह फैसला उत्तराखंड हाई कोर्ट के निर्णय को पलटते हुए आया है जिसमें राज्य सरकार को प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए यह निर्देश दिए गए थे कि वह यह पता लगाये कि क्या अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोगों का सरकारी सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व है या नहीं?
उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकारें बाध्य नहीं है और ना ही प्रमोशन में आरक्षण पाना किसी का मौलिक अधिकार है। इतना ही नहीं उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा है कि कोर्ट राज्य सरकारों को प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।
मध्यप्रदेश में भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जिसके चलते 4 साल से पदोन्नति अटकी हुई है। हालांकि कमलनाथ सरकार ने यह वादा किया है कि वह इस मसले का हल निकालने के लिए तेजी से काम कर रही है और कोई बीच का ऐसा रास्ता निकाला जा रहा है जिससे कोर्ट का फैसला आने तक सशर्त पदोन्नति जैसी कोई व्यवस्था की जा सके।