भोपाल।
15 साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सत्ता लौट आई है। कमलनाथ 18 वें मुख्यमंत्री बन गए है। राज्यपाल आनंदीबन पटेल सोमवार को जंबूरी मैदान में कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस और यूपीए महागठबंधन के राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। शपथ ग्रहण समारोह में जहां कांग्रेस और विपक्ष की एकजुटता दिखी। वही भाजपा के बड़े नेताओं में दूरियां नजर आई, पूरे कार्यक्रम के दौरान दो बड़े नेता एक दूसरे से कटे कटे नजर आए। हार के बाद भी बीजेपी के नेताओं की एक दूसरे से नाराजगी साफ तौर पर देखी गई।हालांकि कही ना कही इसकी चर्चा पूरे मीडिया में भी होती रही।
दरअसल, समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर भी मंच पर मौजूद रहे। इस दौरान शिवराज ने कैलाश जोशी के पैर छूकर आर्शीवाद लिया वही दूसरी तरफ शिवराज के प्रति गौर की नाराजगी साफ तौर पर देखी गई, जब गौर ने मंच पर मौजूद वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का हाथ पकड़ा और मुलाकात की जबकी कुछ ही सीटों की दूरी पर मौजूद शिवराज से ना तो बात की और ना ही हाथ मिलाया। यही नहीं, दिग्विजय ने भी शिवराज सिंह से मुलाकात नहीं की। वह बाबूलाल का हाथ पकड़कर आगे ले गए। हालांकि बाद में दिग्विजय सिंह मंच पर शिवराज से मिले और अन्य नेताओं के साथ ठहाके भी लगाए। दूसरी बार जब शिवराज सिंह, शरद यादव से तो मिले तो उन्होंने भी गौर से मुलाकात नहीं की और अपने सीट पर जाकर बैठ गए। गौर पूरे समय फारुख अबदुल्ला के पास बैठे रहे और शिवराज कैलाश जोशी और मल्लिकार्जुन खड़गे के पास। इसके बाद मंच पर पहुंचे कमलनाथ शिवराज सिंह से मिलने पहुंचे। इस दौरान सिंधिया ने शिवराज का हाथ पकड़कर उठाया और लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।