भोपाल।
मध्य प्रदेश के तहसीलदार ,नायब तहसीलदार संघ का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल यह गुस्सा मंगलवार को राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत द्वारा सीहोर जिले में की गई कार्रवाई के विरोध में है जिसमें मंत्री ने छापामार अंदाज में तहसीलदार कार्यालय में जाकर कार्रवाई करते हुए तहसीलदार को निलंबित कर दिया। निलंबन से ज्यादा संघ इस बात को लेकर नाराज है कि मंत्री तहसीलदार की डायस पर जाकर बैठ गए जो एक न्यायालय का हिस्सा है और उस पर केवल न्यायाधीश के रूप में उस समय पदस्थ तहसीलदार ही बैठता है।
तहसीलदार संघ का कहना है कि कल को यदि मंत्री को विधि विभाग के खिलाफ कोई शिकायत मिले तो क्या वे सिविल न्यायालय में जाकर इस तरह से बैठ सकते हैं। संघ का यह भी कहना है कि वह कोई रेत माफिया नहीं है जो इस तरह से छापामार कार्रवाई की जाए और बिना किसी नोटिस के सीधे निलंबन की कार्रवाई कर दी जाए।
प्रभारी मंत्री से संघ ने की मंत्री की शिकायत
संघ इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी मिलने का समय मांग रहा है और उसके साथ साथ कैबिनेट के अन्य मंत्रियों से मिलकर भी इस बारे में बातचीत करेगा। वही इसी मामले को लेकर अब तहसीलदार सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री आरिफ अकील से राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत की शिकायत करने पहुंचे और उचित कार्रवाई की मांग की।
डायस पर बैठकर मंत्री ने किया तहसीलदार को निलंबित
संघ का ये भी कहना है कि गोविंद सिंह राजपूत डायस पर पहुंच कुर्सी पर बैठे थे। तहसील ऑफिस न्यायालय व्यवस्था का हिस्सा होता है।मंत्री के आचरण से न्यायालय के काम में बाधा पहुंची। वही इस पूरे मामले में हैरत की बात यह है कि मंत्री को डायस पर बैठने से मंत्री के ओएसडी कमल नागर ने नहीं रोका जो खुद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और भली-भांति जानते हैं कि डायस एक न्यायालय व्यवस्था का अंग है और उस पर मंत्री नहीं बैठ सकते तो सवाल यह है कि क्या ऐसे ओएसडी मंत्री का हित चाहते हैं या अहित।