भोपाल।
नगरीय निकाय और उपचुनाव से पहले एक बार फिर प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आदिवासियों को साधना शुरु कर दिया है। अपना वोटबैंक बढ़ाने के लिए सरकार लगातार आदिवासियों पर फोकस कर रही है। अब सरकार ने स्कूलों के कोर्स में आदिवासी बोलियों को शामिल करने का फैसला किया है।आगामी चुनावों से पहले इसे सरकार का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
दरअसल, मध्यप्रदेश के आदिवासियों को लेकर कमलनाथ सरकार ने बड़ा फैसला किया है। जिसके तहत अब स्कूलों में आदिवासी बोलियों की पढ़ाई होगी। सरकार आदिवासियों की तीन बोलिया भीली, कोरकू और गोंडी को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करेगी। इसके तहत प्रदेश सरकार 89 आदिवासी ब्लॉक में बोलियां पढ़ाने का काम करेगी ।स्कूल शिक्षा विभाग जो प्रस्ताव तैयार कर रहा है उसके अनुसार इन बोलियों का अलग से पाठयक्रम होगा और इन्हें तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा।विभाग ने प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी वर्किंग ग्रुप को सौंपी है। माना जा रहा है नए शिक्षण सत्र से सरकार इसे अमल में ला सकती है।