भोपाल। सरकार द्वारा की जा रही नियुक्तियों के लगातार विरोध के बीच कमलनाथ सरकार ने सभी नवनियुक्त आयोग अध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। प्रदेश में राज्य महिला आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग और राज्य युवा आयोग के अध्यक्षों को केबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है। इसी तरह राज्य महिला आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग एवं राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये हैं। ये फैसला तब लिया गया है जब कमलनाथ सरकार के खिलाफ इंदौर हाइकोर्ट बेंच में संवैधानिक पदों पर नियुक्तियों के खिलाफ याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार अल्पमत में है इसलिये उसे संवैधानिक पदों पर नियुक्ति का अधिकार नहीं है। ये याचिका भूपेंद्र सिंह कुशवाह प्रदेश सह संयोजक भाजपा की ओर से दायर की गई है।
इससे पहले मंगलवार को कमलनाथ सरकार द्वारा की जा रही संवैधानिक पदों पर नियुक्तियों के खिलाफ बीजेपी ने राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में कहा गया था कि अल्पमत की सरकार द्वारा की जा रही नियुक्तियां रद्द की जाएं। भाजपा का कहना था कि यह सरकार अल्पमत में है, उसे अब कोई नियुक्ति करने का अधिकार नहीं है।
आयोग के अध्यक्षों को केबिनेट मंत्री और सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा
राज्य शासन ने हाल ही में शोभा ओझा राज्य महिला आयोग, गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी को राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, आनंद अहिरवार को राज्य अनुसूचित जाति आयोग, जे.पी. धनोपिया राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग और अभय तिवारी को राज्य युवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।इसी तरह नीना सिंह, जमुना मरावी, डॉ. शशि राजपूत, श्रीमती संगीता शर्मा और शर्मिला एस. मोयदे को राज्य महिला आयोग, प्रदीप अहिरवार और गुरूचरण खरे को राज्य अनुसूचित जाति आयोग तथा गुलाब उईके, हीरासन उईके को राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का सदस्य बनाया गया है।