भोपाल।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जाने की मांग को लेकर डेढ़ दर्जन से ज्यादा कांग्रेस के विधायक लामबंद हो गए हैं और शनिवार को उन्होंने सिंधिया दिल्ली स्थित निवास के सामने जमकर धमाल मचाया। समर्थकों ने यहां तक चेतावनी भी दे डाली कि यदि सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान नहीं सौंपी जाती तो वह शपथ ग्रहण समारोह का न केवल बहिष्कार करेंगे बल्कि राज्यपाल को यह पत्र भी लिख कर भेज देंगे कि वे कमलनाथ सरकार को समर्थन नहीं दे रहे। इस चेतावनी के बाद कांग्रेस में बवाल मच गया है, चुंकी एक दिन बाद कमलनाथ का बतौर सीएम शपथ ग्रहण समारोह होना है।
वही बगावती सुर उठा रहे विधायकों को शनिवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्होंने साफ चेतावनी दे डाली कि वे अब किसी भी कीमत पर सिंधिया तक की बात नहीं मानेंगे। 16 से ज्यादा विधायकों की चेतावनी के बाद में कई और विधायक भी अब सिंधिया के समर्थन में सामने आ गए हैं और आज भी दिल्ली में किसी अज्ञात स्थान पर बैठक कर आगे की रणनीति बना रहे हैं।
समर्थकों का साफ तौर पर मानना है कि सिंधिया ने सवा सौ से ज्यादा सभाये कर प्रदेश में न केवल कांग्रेस का माहौल बनाया बल्कि शिवराज सिंह चौहान की सीधी लड़ाई भी सिर्फ महाराज यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया से थी। लेकिन अब जब सरकार बन गई है तो न केवल सिंधिया को दरकिनार किए जा रहा है बल्कि उनके समर्थकों को भी मंत्रिमंडल में कम तवज्जो दी जाए ,इस तरह की बातें सामने आ रही है। समर्थको को का यह भी मानना है कि इस तरह की ख़बरें न केवल मध्य प्रदेश की जनता का अपमान है बल्कि सिंधिया के समर्थन में खड़े हुए हजारों लाखों कार्यकर्ताओं का भी अपमान है। अभी नहीं तो कभी नहीं की तर्ज पर यदि इस समय सिंधिया को उचित स्थान ना मिला तो फिर यह जनादेश का अपमान होगा।
शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तैयारियां पूरी
इधर मध्य प्रदेश में नई सरकार के गठन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। एक दिन बाद सोमवार को कमलनाथ का बतौर सीएम पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह होना है, सभी को न्यौता भेज दिया गया है,मीडिया को भी कार्ड भेजे जा चुके है, कार्यकर्ताओं-नेताओं के आने का शेड्यूल तैयार हो चुका है। बताया जा रहा है सोनिया गांधी, राहुल और मनमोहन समेत दर्जनों बड़े नेताओं का शामिल होना तय है। इसके साथ ही राहुल द्वारा बसपा प्रमुख मायावती, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री को आमंत्रण दिया जा चुका है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी संपर्क किया जा रहा है। ऐसे में सिंधिया समर्थक विधायकों का यूं दिल्ली में डेरा डालना और चेतावनी देना कई सवाल खडे कर रहा है।