राशन दुकानों पर अब कर्मचारी नहीं कर सकेंगे हेराफेरी, खाद्य विभाग ने किए ये इंतजामात

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भोपाल। 

राशन दुकानें समय पर खुली हैं या नहीं, हितग्राहियों को सही तरह से लाभ मिल रहा है या नहीं, यह पता लगाने के लिए खाद्य विभाग द्वारा एक नई व्यवस्था शुरू की जाने वाली है। फिलहाल इंदौर एवं उज्जैन संभाग के लिए ही इस व्यवस्था को शुरू किया जाने वाला है। इसके माध्यम से विभाग के आला अधिकारी राजधानी से ही राशन दुकानों की पूरी स्थिति पर निगरानी रख सकेंगे।  

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आपको बता दें कि पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन से राशन वितरण की व्यवस्था पहले ही लागू की जा चुकी है। साथ ही इस नए सिस्टम शुरू करने के लिए खाद्य विभाग द्वारा सर्वर को अपग्रेड कर दिया गया है। जल्द ही अपग्रेडेड सर्वर से दुकानों को ऑनलाइन जोड़ दिया जाएगा। इससे यह पता चल जाएगा दुकानें कब-कहां खुलीं और कितने लोगों ने राशन लिया। देवास में इसका सफल प्रयोग हुआ है। दोनों ही संभागों में जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए संभाग के अन्य अधिकांश जिलों में हितग्राहियों के आधार नंबर को सर्वर पर अपलोड किया जा चुका है। 

राशन दुकानदार पर लगी पीओएस मशीन में अंगूठे का निशान लगाकर सिस्टम शुरू करना होता है। इसके बाद जिस व्यक्ति को राशन दिया गया, उसके अंगूठे का निशान लेकर उसकी पहचान की जाती है। जैसे ही हितग्राही की पहचान पुख्ता हो जाती है, राशन वितरित कर दिया जाता है और उसका रिकॉर्ड सर्वर में दर्ज हो जाता है। सर्वर में सभी एक करोड़ 11 लाख परिवारों के हितग्राहियों का ब्योरा दर्ज है। 

जानकारी के अनुसार तय की हुई दरों के अनुसार राशन पात्र हितग्राहियों को मिले, इसके लिए मशीनों को सर्वर से जोड़ा गया है, ताकि दुकानदार जिन्हें राशन दे रहा है, वे पात्र हैं या नहीं, इसका पता चल सके इसके लिए इस व्यवस्था को शुरू किया जा रहा है। रीयल टाइम मॉनीटरिंग व्यवस्था भी इसके जरिए शुरू कर दी गई है। इंदौर एवं उज्जैन संभाग के बाद समूचे मध्य प्रदेश में धीरे-धीरे इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इसके तहत इंदौर और उज्जैन संभाग में पहले राशन दुकानों की रीयल टाइम निगरानी की जाएगी। 


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