इन कर्मचारियों को लॉकडाउन में उपस्थिति में मिलेगी छूट, आयुक्त ने कलेक्टरों को भेजा पत्र

Pooja Khodani
Published on -
लॉकडाउन

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संकटकाल में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दिव्यांग कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। इसके तहत  लॉकडाउन में दिव्यांग कर्मचारियों को उपस्थिति में छूट देने की बात कही गई है। इस संबंध में आयुक्त नि:शक्तजन कल्याण संदीप रजक (Commissioner Disabled Welfare Sandeep Rajak) ने सभी संभाग आयुक्त और कलेक्टरों को जारी पत्र किया गया है।

बैतूल जिले में 3 मई तक बढ़ाया गया कोरोना कर्फ्यू, कलेक्टर ने जारी किए आदेश

दरअसल, मप्र में तेजी से बढ़ते कोरोना को देखते हुए नि:शक्तजन कल्याण आयुक्त संदीप रजक ने सभी संभाग आयुक्त और कलेक्टरों को जारी पत्र में कोरोना संक्रमण के कारण विभिन्न जिलों में लागू लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान दिव्यांग अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालयीन उपस्थिति में छूट देने के लिए कहा है।

नि:शक्तजन कल्याण आयुक्त संदीप रजक ने कहा कि दिव्यांग जनों के संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है। इसलिए उन्हें विशेष कार्य होने पर ही कार्यालय बुलाया जाए और घर से ही कार्य करने की अनुमति दी जाए। कोरोना संक्रमण को केंद्र शासन द्वारा राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया है। कोरोना संक्रमण के मामले इन दिनों बहुत तेजी से देश प्रदेश में बढ़े हैं, हालांकि इनमें ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी काफी बढ़ी है। दिव्यांग जनों की सुरक्षा और संरक्षण के मद्देनजर केंद्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

मप्र में निलंबित नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को तत्काल बहाली के आदेश

इससे पहले आयुक्त संदीप रजक ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को दिव्यांगजनों के स्वास्थ्य सुरक्षा और संरक्षण के लिए केंद्र सरकार द्वारा मार्च 2020 में जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिये पत्र लिखा था। आयुक्त ने कहा था कि कोरोना काल मे दिव्यांगों को किसी तरह की परेशानी न हो, अगर उन्हें खाने पीने की जरूरत हो तो जिले के कलेक्टर इस पर ध्यान देते हुए व्यवस्था करवाएं।

 


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News