मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश के बाद शिकंजे में आया टाइगर

Amit Sengar
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (chief minister shivraj singh chouhan) द्वारा खुले मंच से कार्रवाई के निर्देश के बाद आखिरकार टाइगर पर आबकारी विभाग की कार्रवाई हो ही गई। हैरत की बात यह है कि पिछले डेढ़ साल से धड़ल्ले से टाइगर भोपाल में लोगों को अपना शिकार बना रहा था। लेकिन आबकारी विभाग आंखें मूंदे बैठा हुआ था।

भोपाल की महापौर मालती राय की जीत के बाद 12 नंबर पर जनता का आभार करने और चाय पर चर्चा करने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने एक रोचक वाक्या आया। लोगों ने शिकायत की कि हम सब टाइगर के कारण परेशान हैं और नौजवान पीढ़ी इसका शिकार होती जा रही है। शुरू में तो मुख्यमंत्री ने सोचा कि यह कोई गुंडा बदमाश है। लेकिन फिर स्थिति साफ की और पता चला कि दरअसल टाइगर कुछ और नहीं बल्कि एक सैनिटाइजर का ब्रांड है जिसमें लगभग 70% अल्कोहल है और सस्ते के चक्कर में नौजवान पीढ़ी इसका जमकर सेवन नशे के रूप में कर रही है। लोग परेशान हो रहे हैं लेकिन आबकारी विभाग है कि आंखें बंद किए हुए बैठा है। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य विभाग भी इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं कर रहा क्योंकि टाइगर ब्रांड अधिकतर मेडिकल स्टोर पर धड़ल्ले से बेचे जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने मंच से ही निर्देश दिए कि तुरंत इस मामले में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और शाम होते-होते आबकारी विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 12 नंबर मल्टी के आसपास के मेडिकल और रेलवे प्लेटफार्म के दोनों ओर की मेडिकल दुकानों की जांच की। वहां पर टाइगर नाम का रंगहीन सैनिटाइजर मिला जो देसी प्लेन मदिरा जैसा दिखता है और इसे नशे के रूप में ग्राहकों द्वारा उपयोग की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इस पर आबकारी और फूड विभाग की टीमों ने मेडिकल की दुकानों की जांच की और उसके विक्रय पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की। कांग्रेस ने इस मामले पर सरकार पर तंज कसा है। मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने ट्वीट किया है ‘न महाराज टाइगर, न शिवराज टाइगर, टाइगर तो सैनिटाइजर निकला।”

 


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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