भोपाल-आखिरकार नहीं बच पाए टाइगर के शावक, ट्रेन से टकराने के बाद इलाज के दौरान दोनों की मौत

ट्रेन दुर्घटना में अत्यत गंभीर रूप से घायल दो बाघ शावकों को 16 जुलाई को मिडघाट रेल्वे लाईन बुधनी से रेस्क्यू कर वन विहार राष्ट्रीय उद्यान लाया गया था।

BHOPAL NEWS : भोपाल वन विहार में इलाज के बावजूद आखिरकार बाघ के दोनों शावकों ने एक के बाद दम तोड़ दिया, शावक ट्रेन से टकराने के बाद घायल हो गए थे, इसी घटना में मौके पर उनके एक साथी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, ट्रेन दुर्घटना में अत्यत गंभीर रूप से घायल दो बाघ शावकों को 16 जुलाई को मिडघाट रेल्वे लाईन बुधनी से रेस्क्यू कर वन विहार राष्ट्रीय उद्यान लाया गया था। दोनों बाघ शावकों का वन्यप्राणी चिकित्सक एच अन्य चिकित्सक दल द्वारा इलाज किया जा रहा था लेकिन अथक प्रयासों के बावजूद उन्हे बचाया नहीं जा सका।

गंभीर रूप से थे घायल 

गंभीर रूप से घायल पहले शावक ने 30 जुलाई को दम तोड़ दिया था, वही  दूसरे बाघ शावक की भी बुधवार को मौत हो गई। हालांकि गंभीर रूप से घायल दोनों बाघ शावकों को निगरानी में वन्यप्राणी चिकित्सक वन विहार द्वारा विशेषज्ञों के परामर्श लेकर सतत उपचार किया जा रहा था। परन्तु दोनों बाघ शावकों के पिछले हिस्से में गंभीर चोट एवं कई जगह फ्रेक्चर होने के कारण उनका पिछला हिस्सा काम नहीं कर रहा था एवं बाघ शावकों द्वारा पर्याप्त मात्रा में भोजन-पानी भी नहीं लिया जा रहा था, जिससे उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा था। बेहतर उपचार के बावजूद भी दोनों बाघ शावकों को बचाया नहीं जा सका।

इस तरह हुआ था हादसा 

15 जुलाई को बुधनी के पास मिडघाट में ट्रेन की चपेट में आने से बाघ के तीन शावक घायल हो गए थे जिसमें से एक शावक की मौके पर ही मौत हो गई, बाकी दो शावक रेल्वे ट्रेक के किनारे ही पड़े थे, जिन्हे रेस्क्यू करके भोपाल लाया गया, यह रेस्क्यू आपरेशन रेल्वे के इतिहास में दर्ज हो गया, दरअसल इस रेस्क्यू आपरेशन के लिए खास तौर पर नियमों में ढील देते हुए सिंगल कोच इंजन के साथ घटनास्थल पर भेजा गया था और दोनों शावकों को इसी ट्रेन में भोपाल लाया गया। देश में बाघ के शावकों को रेस्क्यू करने का यह इस तरह का पहला आपरेशन था।


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Sushma Bhardwaj

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