विदेश में अभय मुद्रा पर राहुल गांधी के बयान से भड़की उमा भारती, बोलीं- देवी देवताओं के दूसरे हाथ की भी चर्चा कर लें, देखें वहां क्या संदेश है

एक हाथ की अभय मुद्रा और एक हाथ का शस्त्र क्या कहता है? ठीक से चलो तो अभय और मर्यादाएं लांघीं तो शस्त्र का प्रयोग। राहुल गांधी जी थोड़ा दूसरे हाथ की भी चर्चा करें।

Uma Bharti Rahul Gandhi

Rahul Gandhi on Abhaya Mudra : पिछले दिनों बतौर लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले भाषण में राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए सांसद में देवी देवताओं , उनके पास मौजूद शास्त्र और उनकी अभय मुद्रा की बात की थी, अब राहुल गांधी इन बातों को सार्वजानिक रूप से कह रहे हैं,इस समय वे अमेरिका के दौरे पर हैं, वहां भी उन्होंने अभय मुद्रा की चर्चा की ,जिसपर उमा भारती ने उन्हें जवाब दिया है।

कांग्रेस ने राहुल की अभय मुद्रा वाली तस्वीर के साथ लिखा है उनका बयान   

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक X एकाउंट पर राहुल गांधी की एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें वे अभय मुद्रा का प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे हैं , राहुल गांधी अमेरिका के डलास में स्थित यूनिवर्सिटी और टेक्सास के स्टूडेंट्स को संबोधित करने वहां गए हैं, तस्वीर के साथ कांग्रेस ने लिखा है – हर धर्म में कहा गया है- डरो मत, गुरु नानक जी, जीसस क्राइस्ट, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर.. सभी की तस्वीर में आपको अभय मुद्रा नजर आएगी। वे सभी कहते हैं- डरो मत और डराओ मत।

उमा भारती ने कहा – दूसरे हाथ में शस्त्र है, राहुल इसकी भी चर्चा करें  

पूर्व केंद्रीय मंत्री, मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री  उमा भारती ने राहुल के बयान पर आपत्ति जताई है, उन्होंने X पर लिखा – राहुल गांधी ने पहले संसद में और अब अमेरिका में हमारे देवी देवताओं की अभय मुद्रा की चर्चा की। दूसरे हाथ को भी हम देखें जिसमें त्रिशूल, तलवार या धनुष बाण है। वह एक हाथ की अभय मुद्रा और एक हाथ का शस्त्र क्या कहता है? ठीक से चलो तो अभय और मर्यादाएं लांघीं तो शस्त्र का प्रयोग। राहुल गांधी जी थोड़ा दूसरे हाथ की भी चर्चा करें।

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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