भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लडऩे का फैसला किया है। वे अब पार्टी प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए उतर रही हैं। खास बात यह है कि मप्र समेत दूसरें प्रदेशों में उन सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी सौंपने जा रही है, जहां लोधी वोटर ज्यादा है।
बताया गया कि उमा मप्र समेत, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार के उन इलाकों में चुनाव प्रचार करेंगी, जो लोधी बाहुल्य हैं। कुछ महीनों पहले ही केंद्रीय मंत्री भारती ने एलान किया था कि वे 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। खुद उमा भारती ने ऐलान किया है कि वे भोपाल समेत प्रदेश की अन्य सीटो ंपर प्रचार करेंगी। खासकर भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के खिलाफ उन्होंने जमकर प्रचार करने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि वे डेढ़ साल राम और गंगा के लिए काम करेंगी। वे पिछले 15 सालों से मप्र की राजनीति से दूर हैं। 2003 में उमा भारती की बदौलत ही भाजपा ने मप्र में भगवा सरकार बनाई थी पर सियासी दांव-पेंच के चक्कर में वे मात्र नौ महीने ही प्रदेश की मुख्यमंत्री रह पाईं। सत्ता से बेदखल होने के बाद उनका कद लगातार गिरता ही गया। पार्टी नेतृत्व को चुनौती देकर पहले भाजपा से बर्खास्त हुईं, फिर 2008 में भारतीय जनशक्ति पार्टी बनाई। अंतत: सभी तरफ से निराशा हाथ लगने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मध्यस्थता से भाजपा ने उन्हें वापस तो ले लिया पर मप्र की सक्रिय राजनीति से हमेशा के लिए दूर कर दिया।