भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार बेरोजगारों की फौज तैयार होती जा रही है। रोजगार के नाम पर पूर्व बीजेपी सरकार ने जमकर ढोल पीटा लेकिन जमीकी हकीकत इसके उलट ही है। हाल ही में आए नए आंकड़ों ने पूर्व सरकार की पोल खोलकर रख दी है। मई 2018 में बेजोजगारों की संख्या 24 लाख थी। 10 फरवरी 2019 में ये संख्या बढ़कर 30 लाख 14 हजार के पार कर गई है। हालांकि, कमनाथ सरकार ने सत्ता में आने के बाद बेरोजगारों को 100 दिन का रोजगार देने का वादा किया है। इसके लिए राज्य सरकार ने युवा स्वाभिमान योजना का ऐलान किया है।
स्वाभिमान योजना का ऐलान होने के बाद रोजगार कार्यालयों में पंजियन के लिए लगातार आदोवनों की संख्या बढ़ रही है। प्रदेश में रोजगार मुहैया करवाना कमलनाथ सरकार के लिए एक बड़ा चैलेंज है। सरकार में आने से पहले ही कमलनाथ ने प्रदेश में रोजगार के लिए कई वादे किए हैं। इस मुद्दे को हवा देकर ही कांग्रेस सत्ता की सीढ़ियां चढ़ने में कामयाब हुई। योजना के तहत युवाओं में स्किल डेवलप करायी जाएगी, लेकिन सराकर के फैसले के बाद प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को संख्या में जबरदस्त इजाफा हो गया है।
भोपाल के जिला रोजगार अधिकारी केएस मालवीय ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में छह पिछले छह माह में चौबीस लाख बेरोजगारों की संख्या बढ़कर अब तीस लाख को पार कर गई है. सरकार से सौ दिन के रोजगार और इस दौरान हर महीने चार हजार रुपये के स्टाइफंड की योजना में शामिल होने के लिए रोजगार कार्यालयों में बेरोजगारों का पंजीयन बढ़ गया है। आपको बता दें कि सिर्फ भोपाल रोजगार कार्यालय में जनवरी में 6 हजार 743 और फरवरी के 10 दिन में दो हजार 680 पंजीयन हो गए हैं।